PM मोदी लौटे भारत : 5 देशों की यात्रा में कहां मिला सम्मान, कहां हुए समझौते – जानिए दौरे की पूरी Timeline
Babushahi Bureau
10 जुलाई 2025 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर दुनिया भर में भारत की ताकत और साख का परचम लहराकर लौटे हैं। 2 जुलाई से 10 जुलाई 2025 तक चली इस दस दिवसीय विदेश यात्रा ने भारत की वैश्विक कूटनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया। इस दौरान उन्होंने जिन पांच देशों — घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया — का दौरा किया, वहां उन्हें न केवल ऐतिहासिक स्वागत मिला बल्कि चार देशों ने उन्हें अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी प्रदान किया।
यह यात्रा सिर्फ विदेश नीति तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें संस्कृति, रणनीतिक साझेदारी, व्यापार, डिजिटल सहयोग और वैश्विक दक्षिण (Global South) के साथ रिश्तों को एक नई दिशा मिली। मोदी जहां-जहां गए, वहां भारत के साथ रिश्तों की गहराई और सम्मान की ऊंचाई और बढ़ती गई। यह दौरा इस बात का प्रमाण है कि अब भारत केवल एक दर्शक नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर निर्णायक भूमिका निभाने वाला देश बन चुका है।
अब बात करते हैं एक-एक कर उन देशों की, जहां पीएम मोदी की मौजूदगी ने इतिहास रचा...
घाना में भारत-घाना के रिश्तों को मिली नई ताकत
प्रधानमंत्री मोदी की इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत घाना से हुई, जो भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा 30 वर्षों में किया गया पहला दौरा था। प्रधानमंत्री को घाना के सर्वोच्च सम्मान "ऑफिसर ऑफ द स्टार ऑफ घाना" से नवाजा गया, जो वहां का सबसे प्रतिष्ठित नागरिक पुरस्कार है। इस सम्मान के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामनी महामा से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की। इस दौरान, घाना की संस्कृति और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को पुनर्जीवित करने की दिशा में कई कदम उठाए गए।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो: व्यापार और रक्षा क्षेत्र में मील का पत्थर
प्रधानमंत्री मोदी का अगला पड़ाव त्रिनिदाद एंड टोबैगो था, जहां उनका स्वागत शानदार तरीके से किया गया। त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने उन्हें "ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो" से सम्मानित किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच फार्मास्यूटिकल, रक्षा, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में छह अहम समझौते हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की संसद को भी संबोधित किया और दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाने की दिशा में भविष्य की योजना साझा की।
अर्जेंटीना: 75 साल के राजनयिक रिश्तों का जश्न
अर्जेंटीना में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेवियर माइली से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच 75 वर्षों के राजनयिक रिश्तों और 5 वर्षों की रणनीतिक साझेदारी को मनाया। इस यात्रा के दौरान भारत और अर्जेंटीना ने व्यापार, विज्ञान, और सांस्कृतिक सहयोग को और मजबूती देने के लिए कई नई योजनाओं पर चर्चा की। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक रिश्तों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही।
ब्राजील में BRICS सम्मेलन और भारत-ब्राजील सहयोग को नई ऊंचाई
प्रधानमंत्री मोदी ने 5 से 8 जुलाई तक ब्राजील में 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। सम्मेलन के दौरान वैश्विक शासन, शांति और जलवायु परिवर्तन जैसे अहम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। ब्रासीलिया में पीएम मोदी को ब्राजील के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस' से सम्मानित किया गया। इस सम्मान के साथ, भारत और ब्राजील ने व्यापार, विज्ञान, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग को और बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौते किए।
नामीबिया में ऐतिहासिक कदम और नया सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का अंतिम पड़ाव नामीबिया था, जहां भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में उनकी यह पहली यात्रा थी। 27 वर्षों के बाद, भारत ने नामीबिया के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत किया। प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशियंट वेलविट्सचिया मिराबिलिस' से सम्मानित किया गया। उन्होंने राष्ट्रपति नेतुम्बो नांदी-न्डैटवाह से मुलाकात की और नामीबिया की संसद को संबोधित करते हुए लोकतंत्र, डिजिटल टेक्नोलॉजी और शिक्षा में सहयोग बढ़ाने की बात की।
भारत की वैश्विक कूटनीति को मिली नई दिशा
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल भारत के कूटनीतिक रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक लेकर गई, बल्कि इससे वैश्विक दक्षिण (Global South) में भारत की भूमिका को भी मजबूती मिली है। विभिन्न देशों द्वारा पीएम मोदी को दिए गए सर्वोच्च नागरिक सम्मान इस बात का प्रमाण हैं कि भारत की वैश्विक स्थिति अब पहले से कहीं अधिक मजबूत हो चुकी है। इन ऐतिहासिक समझौतों और साझेदारियों से भारत की कूटनीतिक शक्ति को एक नया आयाम मिला है, जो भविष्य में वैश्विक मंच पर भारत की प्रमुख भूमिका को और सशक्त करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा ने न केवल भारत के वैश्विक कूटनीतिक संबंधों को मजबूती दी, बल्कि विभिन्न देशों के साथ नए व्यापारिक और सांस्कृतिक सहयोग के रास्ते भी खोले। यह यात्रा भारत की वैश्विक छवि को और मजबूत करती है और एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक बनकर सामने आई है।
MA
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →