पंजाब विश्वविद्यालय के डॉ. बंटी शर्मा को ब्रिटेन में 3 करोड़ रुपये की मैरी क्यूरी फेलोशिप
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 9 जुलाई 2025। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के एसएआईएफ/सीआईएल विभाग के शोधकर्ता डॉ. बंटी शर्मा को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित मैरी क्यूरी पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप से सम्मानित किया गया है। यह फेलोशिप यूरोपीय संघ द्वारा वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रदान की जाती है। फेलोशिप की कुल राशि 3 करोड़ रुपये से अधिक है।
डॉ. शर्मा को यह सम्मान ब्रिटेन की क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट , वर्ल्ड रैंकिंग में 19वीं रैंक) में त्वचा कैंसर के उपचार के लिए माइक्रोनीडल एरे पैच और कॉम्बिनेटरियल थेरेपी पर किए जा रहे उनके नवोन्मेषी शोध कार्य के लिए मिला है। इस परियोजना में वे विश्वप्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर रयान डोनेली और डॉ. ललित वोरा के मार्गदर्शन में कार्य करेंगे।
उनका शोध त्वचा कैंसर के निदान और उपचार के लिए अत्याधुनिक माइक्रोनीडल तकनीक पर आधारित है, जिससे कैंसर उपचार के क्षेत्र में नए विकल्पों के द्वार खुलने की उम्मीद है।
डॉ. शर्मा की अकादमिक यात्रा भी प्रेरणादायक रही है। उन्होंने बीएससी की पढ़ाई बीबीएन कॉलेज, चकमोह (हमीरपुर, हिमाचल) से और एमएससी एमएलएसएम कॉलेज, सुंदरनगर (मंडी) से की। दोनों ही डिग्रियां उन्हें डीएसटी-इंस्पायर स्कॉलरशिप के तहत मिलीं, जो भारत सरकार की एक पहल है।
पंजाब विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग से पीएचडी करते समय भी वे इंस्पायर फेलोशिप से सम्मानित रहे। उनकी थीसिस फोटोडायनामिक थेरेपी हेतु मेटालोकैटेनियानिक फॉर्मूलेशन पर केंद्रित थी, जिसमें प्रो. गंगाराम चौधरी और डॉ. गुरप्रीत कौर उनके मार्गदर्शक रहे।
अपनी पीएचडी के दौरान उन्हें यूके सरकार की कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप भी मिली, जिससे उन्हें नॉटिंघम विश्वविद्यालय क्यूएस रैंकिंग: 12) में शोध का अवसर मिला।
वर्तमान में वे SAIF/सीआईएल विभाग में प्रोजेक्ट साइंटिस्ट-I के रूप में कार्यरत हैं और वैज्ञानिक अनुसंधान में अग्रणी योगदान दे रहे हैं। बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश के दोहक गांव से संबंध रखने वाले डॉ. बंटी शर्मा की यह उपलब्धि न सिर्फ उनकी प्रतिभा और मेहनत का प्रमाण है, बल्कि पंजाब विश्वविद्यालय की शोध गुणवत्ता को भी वैश्विक स्तर पर रेखांकित करती है।
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