VB-GRAM Ji Bill के विरोध में विपक्ष ने सदन के बाहर आधी रात को दिया धरना
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 19 दिसंबर: ग्रामीण रोजगार से जुड़े नए कानून 'जी राम जी बिल 2025' (VB-GRAM Ji Bill) को लेकर सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। बुधवार को संसद के दोनों सदनों से यह विधेयक पास हुआ, जिसके बाद नाराज विपक्षी दलों ने आधी रात को संविधान सदन के बाहर धरना शुरू कर दिया। कड़ाके की ठंड में विपक्षी सांसद पूरी रात वहीं डटे रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
विपक्ष ने बताया 'लोकतंत्र की हत्या'
बिल पास होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और डीएमके समेत कई पार्टियों के नेता गुस्से में बाहर आ गए। उन्होंने इस बिल को गरीब, किसान और मजदूर विरोधी करार दिया। टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने आरोप लगाया कि सरकार ने विपक्ष को सिर्फ 5 घंटे का नोटिस दिया और बिना किसी सार्थक बहस के जबरन यह बिल पास करवा लिया।
उन्होंने इसे सीधे तौर पर 'लोकतंत्र की हत्या' बताया और कहा कि इस मुद्दे पर अब पूरे देश में सड़क पर उतरकर विरोध किया जाएगा।
खड़गे की चेतावनी- 'वापस लेना पड़ेगा कानून'
धरने के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह बिल 12 करोड़ लोगों की आजीविका पर चोट है। खड़गे ने चेतावनी देते हुए कहा, "जिस तरह सरकार को तीन कृषि कानून (Farm Laws) वापस लेने पड़े थे, उसी तरह यह काला कानून भी वापस लेना पड़ेगा।" वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसे मजदूरों के लिए काला दिन बताया।
क्या है नया बिल और सरकार का तर्क?
विपक्ष के हंगामे के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिल का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक गरीबों के कल्याण (Welfare) के लिए है और इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
1. बदलाव: यह नया बिल पुराने मनरेगा (MGNREGA) कानून की जगह लेगा।
2. फायदा: इसके तहत अब ग्रामीण परिवारों को साल में 125 दिन रोजगार (125 Days Employment) की गारंटी मिलेगी।
3. फंडिंग: इसमें केंद्र और राज्य के बीच खर्च का बंटवारा 60:40 के अनुपात में होगा, जबकि पहाड़ी राज्यों के लिए यह 90:10 रहेगा।
फिलहाल, बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी (Approval) के लिए भेजा जाएगा, लेकिन विपक्ष ने साफ कर दिया है कि उनकी लड़ाई संसद के बाहर भी जारी रहेगी।
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