NGT ने पंजाब सरकार की 'Farmhouse Policy' पर लगाई अंतरिम रोक
Babushahi Bureau
चंडीगढ़/नई दिल्ली, 19 दिसंबर: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal - NGT) ने आज पंजाब सरकार की 'फार्म हाउस नीति' (Farmhouse Policy) पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। एनजीटी का यह फैसला राज्य के उन रसूखदार लोगों, राजनेताओं और नौकरशाहों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिन्होंने कांडी क्षेत्र (Kandi Area) में अपने फार्म हाउस बना रखे हैं या बनाने की योजना बना रहे थे। ट्रिब्यूनल ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 फरवरी की तारीख तय की है, तब तक इस पॉलिसी पर स्टे (Stay) रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी
कौंसिल ऑफ इंजीनियर्स (Council of Engineers) ने 23 नवंबर को एनजीटी में सरकार के 20 नवंबर वाले नोटिफिकेशन (Notification) को चुनौती दी थी। कौंसिल के अध्यक्ष कपिल अरोड़ा के मुताबिक, पंजाब सरकार ने कांडी क्षेत्र की 'डीलिस्ट' (Delisted) की गई वन भूमि पर निर्माण की मंजूरी देकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय (Union Environment Ministry) के निर्देशों का सीधा उल्लंघन किया है।
याचिका में तर्क दिया गया कि इस संवेदनशील क्षेत्र में निर्माण की अनुमति देने से पहले कोई 'एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट' (Environment Impact Assessment) भी नहीं करवाया गया।
क्या है पूरा विवाद?
दरअसल, यह मामला पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट-1900 (PLPA-1900) से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में अपने एक फैसले में कांडी क्षेत्र की कुछ जमीन को डीलिस्ट किया था, लेकिन सख्त शर्त लगाई थी कि इस जमीन का इस्तेमाल सिर्फ खेती (Agriculture) या स्थानीय लोगों की आजीविका के लिए होगा, न कि किसी कमर्शियल (Commercial) निर्माण के लिए। इसके बावजूद, पंजाब सरकार ने नियमों को दरकिनार करते हुए प्रति एकड़ जमीन पर पक्का निर्माण करने की छूट दे दी थी।
रसूखदारों को फायदा पहुंचाने की कोशिश
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2015 में केंद्र सरकार ने साफ किया था कि डीलिस्टेड एरिया में व्यापारिक गतिविधियां नहीं हो सकतीं। इसके बावजूद, पिछले कुछ समय से प्रभावशाली लोग वहां अवैध रूप से फार्म हाउस बना रहे थे।
2022 में एक फार्म हाउस मालिक पर एफआईआर (FIR) भी दर्ज हुई थी। आरोप है कि सरकार की यह नई नीति इन्हीं अवैध निर्माणों को वैध करने और वीआईपी लोगों (VIPs) को फायदा पहुंचाने के लिए लाई गई थी, जिस पर अब एनजीटी ने ब्रेक लगा दिया है।
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