हरियाणा ने 16वें वित्त आयोग के समक्ष राजस्व हिस्सेदारी बढ़ाने का मजबूती से मामला रखा
डॉ. अरविंद पनगढ़िया
हरियाणा ने डिविजिबल-पूल में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने का किया समर्थन
मुख्यमंत्री ने "डेवोलुशन-क्राइटेरिया" में "एनसीआर-कंट्रीब्यूशन" और "आर्म्ड फोर्सिज" की भागीदारी को शामिल करने का किया आग्रह
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 28 अप्रैल – 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज आयोग की "कंसल्टेशन-विजिट" के दौरान बैठक की।
बैठक के बाद डॉ. पनगढ़िया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश की वित्तीय जरूरतों और राजस्व हस्तांतरण की मांगों पर एक विस्तृत प्रजेन्टेशन दिया। उन्होंने बताया कि राज्य ने इस बात पर आपत्ति जताई कि पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा को "सेंट्रल टैक्स रेवेन्यूज़" के हस्तांतरण में अपेक्षित हिस्सा नहीं मिला है। इस मुद्दे पर हरियाणा ने मजबूती से अपना पक्ष रखा है।
डॉ. पनगढ़िया ने कहा कि आयोग की प्राथमिक भूमिका स्थानीय निकायों और आपदा राहत के लिए अनुदान देना है। इसके साथ ही, केंद्र और राज्यों के बीच केंद्रीय टैक्स रेवेन्यू का विभाजन करना भी इसका मुख्य कार्य है। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों की तरह हरियाणा ने भी डिविजिबल-पूल में राज्य का हिस्सा बढ़ाने की मांग की है, जो वर्तमान में 41% से बढ़ाकर 50% करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, हरियाणा ने डिविजिबल-फॉर्मूले में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों का सुझाव दिया है, जिनमें जनसंख्या वेटेज में कमी, एरिया वेटेज को बरकरार रखना, और इन्कम-डिस्टेंस वेटेज में भी बदलाव शामिल हैं।
हरियाणा ने इसके साथ ही टैक्स रेवेन्यू जेनरेशन में अपनी मजबूत परफॉर्मेंस का हवाला देते हुए टैक्स और फिस्कल-एफ़र्ट के लिए वेटेज बढ़ाने की सिफारिश की है। साथ ही, जीएसटी लागू होने के कारण राज्य को हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई के लिए एक नया क्राइटेरिया बनाने का सुझाव भी दिया है।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने "डेवोलुशन-क्राइटेरिया" में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और सशस्त्र बलों में हरियाणा के नागरिकों की महत्वपूर्ण भागीदारी को अतिरिक्त-क्राइटेरिया के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव रखा।
इस "कंसल्टेशन-विजिट" में हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। डॉ. पनगढ़िया ने कहा कि आयोग सभी राज्यों से प्राप्त सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार करेगा और अपनी अंतिम रिपोर्ट 31 अक्टूबर, 2025 तक प्रस्तुत करेगा।
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