हरियाणा पुलिस ने नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन में रचा इतिहास, बना देश के लिए मॉडल
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 4 जुलाई: हरियाणा पुलिस ने नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 (BSA) – को ज़मीन पर लागू करने में देश में अग्रणी भूमिका निभाते हुए प्रशासनिक दक्षता और तकनीकी नवाचार का बेजोड़ उदाहरण पेश किया है। 1 जुलाई 2024 से लागू हुए इन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर राज्य पुलिस ने मिशन मोड में काम करते हुए अब तक 54,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया है।
डीजीपी शत्रुजीत कपूर बोले – सोच से सिस्टम तक हरियाणा पुलिस का नया रूप
राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने न केवल कानूनों की बारीक समझ विकसित की है, बल्कि तकनीक और प्रशिक्षण को अपनी कार्यशैली में समाहित कर एक न्यायप्रिय, पारदर्शी और उत्तरदायी तंत्र का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि "यह केवल प्रणाली का नहीं, बल्कि सोच का परिवर्तन है, और हरियाणा पुलिस इस बदलाव की अगुवाई कर रही है।"
प्रशिक्षण में आई गति, बदली कार्यशैली
राज्यभर में 54,329 पुलिसकर्मियों को नए कानूनों पर प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें कानून की व्याख्या, केस हैंडलिंग में तकनीकी उपकरणों का प्रयोग, और पीड़ित केंद्रित दृष्टिकोण को प्रमुखता दी गई। साथ ही, 37,889 पुलिसकर्मियों को iGOT Karmayogi प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया, जिससे वे ऑनलाइन माध्यम से स्व-अध्ययन कर सकें। इस प्रशिक्षण का सीधा प्रभाव पुलिस की कार्यशैली पर पड़ा है – फैसले तेज हुए हैं, संवाद संवेदनशील हुआ है और जवाबदेही में वृद्धि हुई है।
eSakshya और eSummon ने दी डिजिटल मजबूती
हरियाणा पुलिस की कार्यप्रणाली में डिजिटल बदलाव की प्रमुख झलक eSakshya और eSummon जैसे ऐप्स में देखने को मिली है। 91.37% समन अब डिजिटल माध्यम से भेजे जा रहे हैं जबकि 67.5% गवाहों के बयान eSakshya के जरिए रिकॉर्ड हो रहे हैं। तलाशी व जब्ती की 100% रिकॉर्डिंग डिजिटल रूप से हो रही है, जिससे पारदर्शिता और साक्ष्य की विश्वसनीयता में इजाफा हुआ है।
फॉरेंसिक और साइबर इंफ्रास्ट्रक्चर को मिला बूस्ट
हर जिले में मोबाइल फॉरेंसिक वैन की तैनाती के साथ ही, 208 नई नियुक्तियों को स्वीकृति मिली है। ₹68.70 करोड़ की लागत से साइबर फॉरेंसिक उपकरणों की खरीद से अपराधों की जांच अब और तेज और तकनीकी हो गई है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न्यायिक प्रक्रिया हुई अधिक सहज
‘न्याय श्रुति योजना’ के तहत करनाल जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आधारित गवाही की शुरुआत की गई है। अब 50% से अधिक पुलिसकर्मी गवाही और 70% आरोपी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कर रहे हैं, जिससे समय, संसाधन और धन की बचत हो रही है।
हरियाणा बना राष्ट्रीय मॉडल
हरियाणा पुलिस की इस व्यापक पहल ने उसे एक ऐसे मॉडल के रूप में स्थापित किया है, जिसे अन्य राज्य भी अपना सकते हैं। डीजीपी कपूर ने कहा कि यह सफलता सक्षम नेतृत्व, दूरदृष्टि और टेक्नोलॉजी के सही उपयोग की मिसाल है।
हरियाणा पुलिस ने कानून, तकनीक और प्रशिक्षण का त्रिवेणी संगम प्रस्तुत करते हुए न्याय व्यवस्था के क्रियान्वयन में एक नई दिशा तय की है। देशभर में पुलिस सुधारों की राह देख रहे राज्यों के लिए यह एक प्रेरणास्रोत है।
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