नगर निकायों में भी हों लोकसभा-विधानसभा जैसे सेशन: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल
मानेसर में नगर निकाय अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन में दिए कई अहम सुझाव
रमेश गोयत
चंडीगढ़/मानेसर, 4 जुलाई:
केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा की तर्ज पर नगर निगमों और नगर निकायों में भी हाउस के सेशन आयोजित होने चाहिए, जिसे कोई स्पीकर या चेयरपर्सन निष्पक्षता से संचालित करे। इससे शहरी प्रशासन में पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की मजबूती सुनिश्चित होगी।
वे शुक्रवार को गुरुग्राम के मानेसर में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कैपिसिटी बिल्डिंग में इस तरह के सम्मेलनों का बड़ा योगदान होता है और इन्हें देशभर में नियमित रूप से आयोजित किया जाना चाहिए।
डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ें और जनता को करें जागरूक
मंत्री ने सुझाव दिया कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यमों से भी आमजन और जनप्रतिनिधियों तक पहुँचाए जाएं ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने नगर निकायों के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे यहां सीखी गई ‘बेस्ट प्रैक्टिसेस’ को अपने-अपने क्षेत्रों में जमीन पर लागू करें।
पर्यावरण की रक्षा के साथ हो विकास
मनोहर लाल ने कहा कि शहरों का विकास करते समय पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने ई-मोबिलिटी और ट्रैफिक प्रबंधन में नवाचार को जरूरी बताया। उन्होंने भारत में मैट्रो के विकास का उदाहरण देते हुए बताया कि आज देश के 21 शहरों में 1000 किलोमीटर तक मैट्रो नेटवर्क है, जो अमेरिका के बराबर है।
अर्बन चैलेंज फंड से मिलेगा नया रूप
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने अर्बन चैलेंज फंड के तहत 1 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया है, जिससे शहरों के पुनर्निर्माण और उन्नयन में मदद मिलेगी। स्पेन के साथ हुए एमओयू का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि अब भारत वैश्विक अनुभवों से भी सीख रहा है।
शहरीकरण की रफ्तार बढ़ी, निकायों को बनना होगा स्वावलंबी
मनोहर लाल ने कहा कि 1970 में देश में 20% शहरीकरण था, जो अब 36% तक पहुंच गया है और 2047 तक 50% होने का अनुमान है। ऐसे में नगर निकायों को आत्मनिर्भर और दक्ष बनाना होगा। उन्होंने कहा कि नगर निकायों को पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।
स्किल डेवलपमेंट पर विशेष जोर
उन्होंने नगर निकायों के कर्मचारियों और अधिकारियों को iGOT Karmayogi पोर्टल का इस्तेमाल करने की सलाह दी। इस पर 2000 से अधिक ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हैं, जिनके ज़रिए प्रतिनिधि और कर्मचारी अपना कौशल बढ़ा सकते हैं। अब तक 21 राज्यों ने इसके लिए एमओयू किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन केवल जानकारी देने के लिए नहीं बल्कि नीति और क्रियान्वयन के स्तर पर बदलाव लाने का जरिया हैं। उन्होंने कहा कि जब जनप्रतिनिधि और जनता दोनों जागरूक होंगे, तभी शहरों का सुनियोजित और स्थायी विकास संभव होगा।
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