बाहरियों के भरोसे हरियाणा, युवाओं के हकों पर डाका: अभय सिंह चौटाला
इनेलो नेता का आरोप- बीजेपी सरकार में 90% गजेटेड पद बाहरी लोगों को, हरियाणा के युवाओं को चपड़ासी तक नहीं बनने दिया
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 4 जुलाई:
इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी ने प्रदेश को लूटने के लिए बाहरी प्रदेशों के लोगों को सत्ता में बैठा दिया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार में तैनात एक सर्कल ऑफिसर को रेवाड़ी जिले की ढहीना तहसील में एक साल के लिए नायब तहसीलदार नियुक्त किया गया है, जो कि हरियाणा के युवाओं के साथ सरासर अन्याय है।
अभय चौटाला ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, बीजेपी सरकार पहले भी डेपुटेशन के नाम पर दूसरे प्रदेशों से अफसर बुलाकर उन्हें मलाईदार पदों पर बैठाती रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक 90% से अधिक ए और बी ग्रेड की गजेटेड सरकारी नौकरियां बाहरी लोगों को दी जा चुकी हैं, जबकि हरियाणा के एमटेक, बीटेक और पीएचडी धारक युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "बीजेपी ने हरियाणा को लूटने के लिए बाहरी लोगों के हवाले कर दिया है, जैसे महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर को लूटा था।"
सुधीर राजपाल के साथ नाइंसाफी का आरोप
चौटाला ने कहा कि हरियाणा के सीनियर आईएएस अधिकारी सुधीर राजपाल को चीफ सेक्रेटरी बनाए जाने का हकदार होने के बावजूद दरकिनार कर, एक बाहरी मूल निवासी को न केवल यह पद सौंपा गया, बल्कि उसे एक साल का विस्तार भी दे दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यही हाल आयोगों और बोर्डों का है—एचपीएससी का चेयरमैन भी बाहर के प्रदेश से है।
"हरियाणा के युवाओं को चपड़ासी भी नहीं बनने दे रहे"
चौटाला ने कहा कि जिन संस्थाओं का गठन हरियाणा के युवाओं को सरकारी नौकरी देने के लिए हुआ था, वहां तक बाहरी लोगों को बिठा दिया गया है। ऐसे में हरियाणा का युवा खुद को ठगा महसूस कर रहा है। “हरियाणा के बच्चों को चपड़ासी तक नहीं बनने दिया जा रहा,” उन्होंने कहा।
अभय चौटाला ने मांग की कि प्रदेश की नौकरियों और प्रशासनिक पदों पर केवल हरियाणा मूल के लोगों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए और बाहरी प्रदेशों से अफसरों की तैनाती पर तत्काल रोक लगाई जाए।
> मुख्य बिंदु:
बिहार के सर्कल ऑफिसर को रेवाड़ी के ढहीना में नायब तहसीलदार लगाए जाने पर विरोध।
हरियाणा के युवाओं के अधिकारों की अनदेखी।
बोर्डों और आयोगों के चेयरमैन बाहरी राज्यों से।
सुधीर राजपाल के साथ चीफ सेक्रेटरी पद पर अन्याय।
बीजेपी सरकार की तुलना ‘महमूद गजनवी’ से की।
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →