10 तारीख तक ना किया काम तो पड़ जाएगा पछताना, जारी हुए यह आदेश
पठानकोट, 03 जुलाई, 2025ः जिला मेजिस्ट्रेट आदित्य उप्पल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत प्राप्त हुए अधिकारियों का प्रयोग करते हुए जिले की हद के भीतर निजी या सरकारी कब्जे/मालिकी वाले खाली पड़े प्लाटों में कूड़ा-कर्कट, गंदगी और गंदे पानी के जमा होने से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए पहले से ही पर्याप्त प्रबंध सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि शहर में खाली पड़े प्लाटों के मालिक/कब्जे वाले अपने खाली प्लाटों में कूड़े-कर्कट के ढेर, गंदगी एवं रुके हुए बरसाती पानी की तुरंत साफ सफाई अपने स्तर पर करवाना सुनिश्चित करेंगे और भविष्य में भी इन गंदगी के ढेरों को अपने प्लाटों में लगने से रोकने के लिए विशेष कदम उठाएंगे।
इस उद्देश्य के लिए अपनी मालिकी/कब्जे वाले खाली प्लाट के चारों ओर पक्की चारदीवारी या फेंसिंग करवाना सुनिश्चित की जाए या प्लाट में कूड़ा-कर्कट जमा होने से रोका जाए। इसी प्रकार सरकार मालिकी या कब्जे वाले खाली प्लॉटों की साफ सफाई करवाने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग के प्रमुख की होगी। उन्होंने यह कार्य 10 जुलाई तक पूरा करने के आदेश दिए। नगर निगम कमिश्नर एवं अतिरिक्त जिला उपायुक्त (शहरी विकास) अपने-अपने अधिकारी क्षेत्र में बी.एन.एस.एस की धारा 163 के जरिए इन आदशों की पालना पंजाब नगर निगम अधिनियम 1976, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 और नगर पालिका सॉलिड वेस्ट (प्रबंधन व हैंडलिंग) नियम, 2016 के तहत प्राप्त अधिकारों के तहत करवाना सुनिश्चित करेंगे।
इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों/संस्था विरुद्घ सार्वजनिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के लिए उक्त नियमों के तहत जुर्माना एवं कानूनी कार्रवाई करते हुए मामले दर्ज किए जाएं। इसके अलावा यदि प्लॉट की साफ-सफाई का काम 10 जुलाई के बाद नगर निगम या नगर परिषद/पंचायत द्वारा किया जाता है तो साफ-सफाई पर होने वाले खर्च की वसूली प्लॉट के कब्जेदार/मालिक से की जाएगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर 2 सितम्बर 2025 तक लागू रहेगा।
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