SYL बैठक के बाद बोले सीएम मान – "हरियाणा हमारा भाई, चेनाब-रावी से पानी मिले तो नहीं रहेगा कोई विवाद", देखें वीडियो
Babushahi Bureau
9 जुलाई 2025 : सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद को लेकर वर्षों से जारी गतिरोध को हल करने की दिशा में बुधवार को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी आमने-सामने बैठे।
यह बैठक केंद्रीय मंत्री पाटिल के कार्यकाल की पहली औपचारिक मुलाकात थी जिसमें दोनों राज्यों के बीच पानी बंटवारे को लेकर सार्थक बातचीत हुई।
पंजाब CM का सुझाव – 'चेनाब-रावी से आए पानी से हल हो सकता है विवाद'
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चर्चा को “सकारात्मक और रचनात्मक” करार दिया। उन्होंने कहा, “हरियाणा हमारा भाई है। अगर पंजाब को चेनाब और रावी से पानी मिल जाए, तो फिर SYL को लेकर कोई विवाद ही नहीं रह जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब झेलम नदी से पानी नहीं ले सकता, लेकिन रावी और चेनाब से आने वाला पानी पोंग, रणजीत सागर और भाखड़ा डैम के ज़रिए पंजाब तक लाया जा सकता है।
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'हम भाई कन्हैया की विरासत वाले लोग हैं, दुश्मनों को भी पानी पिलाया'
मुख्यमंत्री मान ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा, “हम भाई कन्हैया की संतान हैं, जिन्होंने युद्ध में घायल दुश्मनों को भी पानी पिलाया। हरियाणा हमारा भाई है, फिर पानी के लिए लड़ाई क्यों?”
उन्होंने बताया कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री को यह स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की ओर 23 MAF (मिलियन एकड़ फीट) पानी जा रहा है, जबकि हम यहां 2-3 MAF पर लड़ाई कर रहे हैं। “जब इतना पानी वहां जा रहा है तो हम आपस में क्यों निपटें?” – मान ने सवाल उठाया।
मान का दावा – केंद्र से मिला सकारात्मक जवाब, लेकिन SYL पर पंजाब का रुख अटल
भगवंत मान ने बताया कि राज्य सरकार आने वाले समय में पंजाब में 2 से 4 नई नहरों का निर्माण करेगी। साथ ही उन्होंने दोहराया कि अब समय आ गया है कि पंजाब को फिर से अपने riparian अधिकार (नदी से जुड़े क्षेत्रीय अधिकार) मिलें। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री पाटिल का रवैया सकारात्मक रहा।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने साफ किया कि पंजाब का रुख SYL नहर को लेकर अब भी पहले जैसा ही है – यानि, विरोध में।
नायब सैनी ने जताई संतुष्टि, बोले – मिलकर निकलेगा हल
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी बैठक को “सौहार्दपूर्ण और सार्थक” बताया। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा भाई हैं, और हमें विश्वास है कि बातचीत के ज़रिए कोई न कोई संतोषजनक हल जरूर निकलेगा।
SYL जैसे जटिल मुद्दों पर सहमति की शुरुआत मानी जा रही है यह बैठक
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक भले ही किसी अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंची हो, लेकिन साझा समाधान की दिशा में पहला ठोस कदम ज़रूर मानी जा रही है। चूंकि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री पहली बार इस संवेदनशील मुद्दे पर एक सकारात्मक स्वर में सामने आए, ऐसे में भविष्य में किसी ठोस समझौते की उम्मीद ज़रूर बनती दिख रही है।
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