एमसीएम का हिंदी-विभाग साहित्यिक उत्कृष्टता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 8 जुलाई: मेहर चंद महाजन डीएवी महिला महाविद्यालय का स्नातकोत्तर हिंदी-विभाग हिंदी भाषा के संवर्धन और समृद्धि का एक जीवंत केंद्र बनकर उभरा है। अपनी स्थापना से ही यह विभाग शैक्षणिक उपलब्धियों और सांस्कृतिक योगदान के लिए निरंतर सराहना प्राप्त करता आ रहा है। अत्यंत योग्य शिक्षकों की एक ऊर्जावान टीम और समृद्ध संरचना के साथ, यह विभाग हिंदी अध्ययन के क्षेत्र में उत्कृष्टता का केंद्र बन चुका है।
साहित्यिक प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के प्रति समर्पित विभाग विद्यार्थियों को शोध, रचनात्मक लेखन और शुद्ध उच्चारण में निपुणता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रेरित करता है साथ ही शोध कार्य के लिए विद्यार्थियों को अनुदान प्रदान करता है। हिंदी साहित्य के प्रति विद्यार्थियों में वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करते हुए विभाग उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करता है। विभाग को इस बात का गर्व है कि इसके विद्यार्थी नियमित रूप से यूथ फेस्टिवल और राष्ट्रीय स्तर की निबंध लेखन, कविता, कहानी और वाचन प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस विभाग की पूर्व छात्राएँ प्रकाशन, शिक्षा, अनुवाद, पत्रकारिता, और राजभाषा अधिकारी जैसे विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलताएँ अर्जित कर चुकी हैं। हाल ही में विभाग की छात्राओं तनु और श्रेया ने पंजाब विश्वविद्यालय की एम.ए. हिंदी परीक्षा (2024–25) में क्रमशः प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त कर कॉलेज का नाम रोशन किया है।
छात्रों के समग्र विकास हेतु विभाग आधुनिक तकनीक को पाठ्यक्रम में समाहित कर डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दे रहा है। कॉलेज मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियाँ और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए शुल्क में रियायत भी प्रदान करता है, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सबके लिए सुलभ और समावेशी बनाया जा सके। हिंदी विभाग विद्यार्थियों के बौद्धिक और सांस्कृतिक विकास हेतु निरंतर प्रयासरत है तथा हिंदी भाषा की प्रासंगिकता, प्रतिष्ठा और प्रसार हेतु अपने संकल्प को दृढ़ता से निभा रहा है। एम.ए. हिंदी में प्रवेश के लिए पात्रता: कम से कम 50% अंक बी.ए. (हिंदी अथवा संस्कृत को ऐच्छिक विषय के रूप में लेना ) या बी.ए. में हिंदी विषय में न्यूनतम 45% अंक।
कार्यवाहक प्राचार्या नीना शर्मा ने कहा कि हिंदी-विभाग एमसीएम की उस दृष्टि को साकार करता है जो परंपरा और नवाचार के मेल को महत्त्व देती है। उन्होंने यह भी कहा कि कॉलेज विद्यार्थियों को शैक्षणिक उत्कृष्टता, रचनात्मक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक गौरव प्रदान कर न केवल कुशल पेशेवर बना रहा है, बल्कि ऐसे जिम्मेदार नागरिक भी तैयार कर रहा है जो हमारी राष्ट्रीय भाषा की गरिमा और सौंदर्य को बनाए रखेंगे।
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