सरकारी स्कूलों के स्टाफ के लिए अब यूनिफॉर्म अनिवार्य: चंडीगढ़ प्रशासन का बड़ा फैसला
20 जुलाई से सप्ताह में एक दिन पहननी होगी निर्धारित पोशाक, स्कूलों में अनुशासन व समरसता का संदेश देने की कवायद
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 8 जुलाई 2025 | चंडीगढ़ प्रशासन के शिक्षा विभाग ने एक अहम और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए केंद्र शासित प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और प्राचार्यों के लिए यूनिफॉर्म ड्रेस कोड लागू कर दिया है। यह आदेश 20 जुलाई 2025 से प्रभाव में आएगा और इसका उद्देश्य स्कूलों में अनुशासन, एकरूपता और पेशेवर माहौल को बढ़ावा देना है।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी, यू.टी. चंडीगढ़ द्वारा जारी पत्र 7 जुलाई 2025) में सभी सरकारी स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे इस ड्रेस कोड का सप्ताह में एक दिन, विशेष रूप से सोमवार को पालन सुनिश्चित करें। इसके अलावा, विद्यालय प्रधानाचार्य या डीईओ द्वारा निर्दिष्ट किसी भी विशेष अवसर पर भी यह ड्रेस कोड अनिवार्य रहेगा।
क्यों लाया गया यह निर्णय?
शिक्षा विभाग का मानना है कि यदि छात्रों को स्कूल ड्रेस में अनुशासन व एकता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, तो शिक्षकों को भी इसी भावना को दर्शाना चाहिए। आदेश में कहा गया है, "शिक्षकों का समरूप पोशाक में होना न केवल स्कूल की छवि को बेहतर बनाता है, बल्कि विद्यार्थियों के लिए एक सकारात्मक दृष्टांत प्रस्तुत करता है। इससे कार्यस्थल पर भेदभाव की भावना भी कम होती है और एक टीम भावना को प्रोत्साहन मिलता है।"
ड्रेस कोड की पूरी सूची इस प्रकार है:
? प्राचार्यगण के लिए:
महिला प्राचार्य: मैरून साड़ी (गोल्डन/बेज बॉर्डर सहित) या सादा मैरून सूट (गोल्डन/बेज दुपट्टा सहित)
पुरुष प्राचार्य: सफेद औपचारिक शर्ट और ग्रे रंग की पैंट
? शिक्षकगण के लिए:
महिला शिक्षक:
आइवरी रंग का सलवार सूट (एक शेड गहरे रंग का दुपट्टा)
या आइवरी साड़ी (गोल्डन/बेज बॉर्डर के साथ)
(निचला हिस्सा सलवार या सलवार-पैंट हो सकता है)
पुरुष शिक्षक: नीली औपचारिक शर्ट और ग्रे रंग की पैंट
रंगों के लिए ब्रांड-विशिष्ट शेड कोड भी जारी
शिक्षकों को उचित कपड़े खरीदने में सहूलियत देने के लिए रेमण्ड और मफतलाल जैसी ब्रांड्स के शेड कोड भी विभाग द्वारा जारी किए गए हैं। शेष ब्रांड्स के कोड भी जल्द जारी किए जाएंगे।
शिक्षकों की प्रतिक्रियाएं
इस निर्णय को लेकर सरकारी स्कूलों में उत्सुकता का माहौल है। कई शिक्षकों ने इसे अनुशासन, एकरूपता और स्कूल की गरिमा को ऊंचा उठाने वाला कदम बताया है, वहीं कुछ ने इस बात पर जोर दिया है कि ड्रेस की गुणवत्ता और रंग चयन में स्थानीय दुकानों को समय रहते जानकारी दी जाए ताकि उचित कपड़े उपलब्ध हो सकें।
विशेष दिन और निरीक्षणों में अनिवार्यता
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सोमवार के अतिरिक्त किसी भी ऐसे दिन जब स्कूल में निरीक्षण हो, या कोई विशेष समारोह आयोजित किया जाए, उस दिन भी यह ड्रेस कोड अनिवार्य रूप से लागू होगा।
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