केजरीवाल, मान और सिसोदिया ने जैसमीन शाह की किताब 'केजरीवाल मॉडल' के पंजाबी संस्करण का किया विमोचन
हम राजनीति में चुनाव जीतने नहीं, बल्कि आम आदमी के लिए एक सुशासन मॉडल बनाने आए हैं- अरविंद केजरीवाल
यह मॉडल दिल्ली की झुग्गियों में पैदा हुआ, इसमें स्कूल, अस्पताल, बिजली और नागरिकों की गरिमा मुख्य है- अरविंद केजरीवाल
यह मॉडल केवल ईमानदारी पर चलता है, अगर मुख्यमंत्री या मंत्री भ्रष्ट होगा, तो केजरीवाल मॉडल नहीं चल सकता - केजरीवाल
हमें श्मशान और सीवरेज की राजनीति तक सीमित रखा गया था, केजरीवाल ने दिखाया कि सरकारें असल में क्या कर सकती है- भगवंत मान
केजरीवाल ने नफरत, जाति और धर्म को अपने चुनावी घोषणापत्र से हटाकर स्कूल, अस्पताल और बिजली की बातें की- मान
केजरीवाल मॉडल आम आदमी की राजनीति और शासन का मॉडल है, यह ईमानदारी और जनहित की नींव पर टिका हुआ है – मनीष सिसोदिया
आज भारत दो मॉडलों के बीच खड़ा है- एक ओर कल्याणकारी केजरीवाल मॉडल और दूसरी ओर कॉर्पोरेट समर्थित मोदी मॉडल- लेखक जैसमीन शाह
चंडीगढ़, 8 जुलाई 2025-आम आदमी पार्टी (आप) के विजन और कार्यों को समर्पित एक ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान आज मोहाली में 'केजरीवाल मॉडल' पुस्तक के पंजाबी संस्करण का औपचारिक विमोचन किया गया। इस अवसर पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया मौजूद रहें।
यह पुस्तक आप नेता जैसमीन शाह द्वारा लिखी गई है और यूनिस्टार बुक्स द्वारा प्रकाशित की गई है। कार्यक्रम का संचालन पार्टी के महासचिव दीपक बाली ने किया। कार्यक्रम में प्रकाशक हरीश जैन और रोहित जैन भी उपस्थित रहें।
लेखक जैसमीन शाह ने बताया कि उन्होंने यह पुस्तक क्यों लिखी? क्योंकि एक ऐसा शासन मॉडल जिसने भारतीय राजनीति की दिशा बदल दी। उन्होंने कहा, "मैंने एक ऐसा मॉडल बनते देखा जो सरकारी स्कूलों, स्वास्थ्य सेवाओं, 24x7 मुफ्त बिजली और भ्रष्टाचारमुक्त शासन पर आधारित था।

शाह ने केजरीवाल मॉडल की तुलना मोदी के गुजरात मॉडल से की। उन्होंने कहा, "केजरीवाल मॉडल जनकल्याण पर आधारित है, जबकि गुजरात मॉडल कुछ कॉरपोरेट घरानों के हितों की सेवा करता है। गुजरात में ₹16 लाख करोड़ के कॉरपोरेट लोन माफ किए गए और शिक्षा बजट में कटौती हुई।"

पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जैसमीन शाह को बधाई दी और केजरीवाल को अपना मित्र व राजनीतिक मार्गदर्शक बताया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए केजरीवाल मॉडल आम आदमी की राजनीति और शासन का नाम है।
सिसोदिया ने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि देश में 2015 से 2022 के बीच 23 करोड़ लोगों ने सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन किया, लेकिन केवल 7.22 लाख को रोजगार मिला। यह संदर्भ बताता है कि यह किताब कितनी जरूरी है। उन्होंने केजरीवाल को गांधी, लोहिया और भगत सिंह के विचारों का व्यवहारिक रूपांतरणकर्ता बताया।
अरविंद केजरीवाल ने “परिवर्तन” नामक भ्रष्टाचार विरोधी एनजीओ से लेकर अन्ना आंदोलन और फिर पार्टी निर्माण तक की यात्रा साझा की। उन्होंने कहा, "26 नवंबर 2012 को हमने आम आदमी पार्टी के पंजीकरण के लिए आवेदन किया। सभी ने कहा था कि हम हर सीट पर जमानत गंवा देंगे। लेकिन दिसंबर 2013 में हमने दिल्ली में 28 सीटें जीतीं।"

उन्होंने बताया कि केजरीवाल मॉडल किसी बोर्डरूम में नहीं बना, बल्कि दिल्ली की झुग्गियों में 10 साल के अनुभव से तैयार हुआ। हमने देखा कि सरकारी स्कूल, अस्पताल और बिजली की स्थिति कितनी खराब थी। उन्होंने अपने प्रारंभिक आंदोलनों का उल्लेख करते हुए कहा कि कैसे उन्होंने भूख हड़ताल की और लोगों के घरों की बिजली जोड़ी। उन्होंने कहा कि हम सरकार में इसलिए आए ताकि हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली और 20,000 लीटर मुफ्त पानी मिल सके।
उन्होंने दोहराया कि यह मॉडल केवल ईमानदारी पर टिका है। अगर सरकार भ्रष्ट है और मंत्री पैसे खा रहे हैं तो यह मॉडल नहीं टिक सकता। हमने पंजाब में यह साबित किया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें कहती थी कि खजाना खाली है, लेकिन हमने स्कूल, अस्पताल ठीक किए और मुफ्त बिजली दी, क्योंकि हमने भ्रष्टाचार रोका और पैसा बचाया।

उन्होंने बीजेपी-शासित दिल्ली प्रशासन पर हमला बोला और कहा, “आम आदमी पार्टी के हटते ही दिल्ली का बुरा हाल हो गया है।मोहल्ला क्लीनिक बंद हो गए, दवाएं और टेस्ट बंद हो गए, सड़कें टूटी और 6-6 घंटे की बिजली कटौती फिर लौट आई है।”
उन्होंने कहा, “बीजेपी के नेता सेवा के लिए नहीं, मुनाफे के लिए आते हैं। हमें हर मोर्चे पर रोका गया, फिर भी हमने काम किया। मुझे प्रशासन में नोबेल मिलना चाहिए क्योंकि मैंने एलजी के हस्तक्षेप के बावजूद काम किया।”
केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि चुनाव जीतना उनका उद्देश्य नहीं है। हमारा लक्ष्य एक ईमानदार शासन मॉडल बनाना और सोच बदलना था। यह दिखाना कि सही नीयत से सरकारी स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी सुधारे जा सकते हैं।
अन्य दलों पर तंज कसते हुए केजरीवाल ने कहा कि पहले ये लोग निजीकरण का प्रचार करते थे, अब 200 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा कर रहे हैं क्योंकि हमने देश की राजनीतिक बहस को बदल दिया है।
उन्होंने कहा कि वह अन्य राज्यों की सरकारों की मदद करने को भी तैयार हैं। हमें वहां चुनाव नहीं लड़ना, पर हम मदद कर सकते हैं। जरूरत है तो मनीष सिसोदिया को भेज दूंगा ट्रेनिंग देने, लेकिन बाकी सरकारें काम करना ही नहीं चाहतीं। केजरीवाल ने कहा कि अगर मौजूदा गति से काम चलता रहा तो जैसमीन शाह जल्द ही “पंजाब मॉडल” पर भी किताब लिखेंगे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केजरीवाल ने राजनीति से नफरत, जाति और धर्म की भाषा हटाकर विकास की भाषा दी है।
जैसमीन शाह को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, कि इतनी कम उम्र में तीन भाषाओं में किताब लॉन्च करना बेहद प्रशंसनीय है।
मान ने कहा कि हर किताब एक कहानी कहती है और हर लेखक की अपनी कहानी होती है। मैं भी एक दिन किताब लिखना चाहता हूं। जैसे राजनीति शुरू में नहीं चली, बाद में चल गई। उसी तरह शायद लेखन भी चल जाए। उन्होंने कहा कि पहले जनता को नहीं पता था कि सरकारें क्या कर सकती हैं। हमें सिर्फ श्मशान और सीवर की बातें बताई जाती थीं। पर केजरीवाल मॉडल ने दिखाया कि सरकारें शिक्षा, नौकरी और स्वास्थ्य के लिए कितना बेहतर काम कर सकती हैं।
बीजेपी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं के लिए नौकरी की उम्र सीमा 37 साल है, लेकिन नेताओं की कोई उम्र सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले 11 साल में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की, जबकि मैं रोज पत्रकारों से मिलता हूं और हर सवाल का जवाब देता हूं।
टेलीप्रॉम्प्टर के माध्यम से बोलने को लेकर मोदी पर व्यंग्य करते हुए मान ने कहा कि हम दिल से बोलते हैं, स्क्रीन से नहीं क्योंकि हम सच्चाई की मिट्टी से बने हैं। मान ने समावेशी विकास का भी संदेश दिया और कहा कि जब सब लोग आगे बढ़ते हैं, तब समाज और देश आगे बढ़ता है।
इस अवसर पर पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां, पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, अमन अरोड़ा, हरभजन सिंह ईटीओ, लालजीत सिंह भुल्लर, तरूणप्रीत सिंह सोंध, हरदीप सिंह मुंडिया, डॉ. बलबीर सिंह, डॉ. रवजोत, लाल चंद कटारूचक, बरिंदर कुमार गोयल और मोहिंदर भगत मौजूद थे। इसके अलावा पार्टी के लोकसभा सदस्य डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, विधायक अमनशेर सिंह शैरी कलसी, कुलवंत सिंह, कुलजीत सिंह, अशोक पराशर पप्पी, मदन लाल बग्गा, इंदरबीर सिंह निज्जर, अमृतपाल सिंह सुखानंद, अनमोल सिंह, डॉ. विजय सिंगला, डॉ. जीवन ज्योत कौर, नरिंदर कौर भराज, कृषि आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. अमरपाल सिंह, पंजाब युवा विकास बोर्ड के चेयरमैन परमिंदर सिंह गोल्डी, मुख्य सचिव केएपी सिन्हा, भाषा विभाग के निदेशक जसवंत सिंह जफर, पंजाब कला परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. योगराज, शमशेर संधू, डॉ. सरबजीत कौर सोहल, बाल मुकंद शर्मा एवं अन्य नेता उपस्थित थे।
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