अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाए नारनौल जिला के ऐतिहासिक स्थल
वेव-2025 में हॉलीवुड - बॉलीवुड को लुभा रही यहां की फिल्म लोकेशन
सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा लगाई गई है प्रदर्शनी
हरियाणा फिल्म एवं मनोरंजन नीति-2022 के तहत दी जाती है 2 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी
बाबूशाही ब्यूरो
चण्डीगढ़, 4 मई - मुंबई के जीओ वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में चल रहे विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव-2025) में नारनौल की ऐतिहासिक इमारतें फिल्म निर्माताओं को आकर्षित कर रही हैं। सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा द्वारा लगाई गई पैवेलियन में न केवल राज्य के एतिहासिक स्थलों को दिखाया जा रहा है बल्कि हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत भी दिखाई जा रही है।
सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त निदेशक नीरज कुमार ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विभाग के महानिदेशक के.एम. पांडुरंग के मार्गदर्शन में यह पवेलियन लगाया गया है। इसका मुख्य मकसद फिल्मकारों को हरियाणा में फिल्म बनाने के लिए आकर्षित करना है।
इस पैवेलियन में नारनौल शहर के ऐतिहासिक स्थान विशेष रुप से छाए हुए हैं। इनमें जल महल, महेंद्रगढ़ का किला, राय बाल मुकुंद का छत्ता, ढोसी हिल्स की वीडियो लगातार प्रदर्शित की जा रही हैं जो बॉलीवुड और हॉलीवुड की प्रसिद्ध कंपनियों को लुभा रही है। इस कार्यक्रम में दुनिया के 130 देशों से कला, संस्कृति, मीडिया, फिल्म और टेक्नोलॉजी से जुड़ी प्रमुख कंपनियां और दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने “हरियाणा फिल्म एवं मनोरंजन नीति-2022” के तहत सब्सिडी देने का प्रावधान भी किया गया है। इसमें चयनित फिल्मों को 50 लाख रुपये से लेकर 2 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है।
इस नीति का मुख्य उद्देश्य न केवल राज्य की लोक संस्कृति को संरक्षित करना और बढ़ावा देना है, बल्कि सिनेमा के माध्यम से लोगों को स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करना भी है। साथ ही, इस पहल का उद्देश्य राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करना है। फिल्म नीति के निर्माण के बाद, हरियाणा ने बॉलीवुड के अलावा अन्य भाषाओं में फिल्म बनाने वाले निर्माताओं को “सिंगल-विंडो” शूटिंग अनुमतियों और सब्सिडी प्रोत्साहनों के माध्यम से आकर्षित करना शुरू कर दिया है।
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