27 जून को बैंकों की ‘क्लास’ लेंगी वित्त मंत्री सीतारमण, जानें क्यों हो रही यह बड़ी मीटिंग
महक अरोड़ा
14 जून 2025 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 27 जून को देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रही हैं। यह बैठक भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में की गई नीतिगत ब्याज दरों में कटौती के बाद हो रही है। इस बैठक में बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी, खासकर उन कदमों पर जो बैंकों ने ब्याज दरों में कमी के बाद उठाए हैं।
क्यों खास है ये बैठक?
हाल ही में, आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 5.5% कर दिया, साथ ही कैश रिज़र्व रेशियो (CRR) में भी 100 बेसिस प्वाइंट की कमी कर इसे 3% कर दिया। इन बदलावों का असर बैंकिंग सेक्टर पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ेगा, और वित्त मंत्री यह जानना चाहती हैं कि बैंकों ने इन बदलावों के बाद क्या कदम उठाए हैं। इसके अलावा, बैंकों के कर्ज वितरण की स्थिति क्या है, और कैसे सरकार की योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर और बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर भी चर्चा होगी।
अब तक का प्रदर्शन कैसा रहा?
सरकारी बैंकों ने बीते वित्तीय वर्ष FY24 में रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है। इस वर्ष, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल लाभ 1.41 लाख करोड़ रुपये था, और FY25 के लिए अनुमानित संयुक्त लाभ 1.78 लाख करोड़ रुपये (जो 26% की बढ़ोतरी दर्शाता है)। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने इस वर्ष 70,901 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जो कुल सरकारी बैंकों के लाभ का 40% से ज्यादा है।
किन मुद्दों पर होगी बात?
इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। इनमें किसान क्रेडिट कार्ड योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और तीन प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, और अटल पेंशन योजना शामिल हैं। साथ ही, सरकार यह भी देखना चाहती है कि प्रोडक्टिव सेक्टर में ऋण प्रवाह को बढ़ाया जा सकता है या नहीं, और वित्त वर्ष 2025 के लिए नए टार्गेट तय किए जाएंगे।
क्या है सरकार का मकसद?
मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए, वित्त मंत्री चाहती हैं कि बैंकों को फुर्ती से काम करना चाहिए, और साथ ही क्रेडिट ग्रोथ को तेज किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गांवों और गरीबों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में बैंकों की भूमिका मजबूत हो। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब देश की विकास दर 6.5% पर पहुंच गई है, जो पिछले चार वर्षों का न्यूनतम स्तर है। ऐसे में बैंकिंग सेक्टर को एक मजबूत आधार स्तंभ बनाने की आवश्यकता है, और यही सरकार की प्राथमिकता है।
MA
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