चंडीगढ़ में 5 जुलाई से शुरू होगा मेगा पौधारोपण अभियान, 5 लाख से अधिक पेड़-पौधे लगाने का लक्ष्य
वन महोत्सव के साथ अभियान की होगी शुरुआत, 17 विभागों की भागीदारी
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 5 जुलाई 2025:
हरियाली को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन ने शनिवार से मेगा पौधारोपण अभियान की शुरुआत की है। इस महत्वाकांक्षी अभियान के तहत आगामी दो महीनों में 5 लाख से अधिक पेड़ और पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभियान का आगाज वन महोत्सव के अवसर पर किया गया, जिसे शहरभर के विभिन्न विभागों और शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से आगे बढ़ाया जाएगा।
वन विभाग, नगर निगम और इंजीनियरिंग विभाग की साझा जिम्मेदारी
अभियान में तीन प्रमुख विभाग—वन विभाग, नगर निगम और इंजीनियरिंग विभाग—महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
वन विभाग जंगलों और खुले क्षेत्रों में पेड़ लगाने का जिम्मा निभा रहा है।
इंजीनियरिंग विभाग सरकारी इमारतों और सड़कों के आस-पास पौधारोपण करेगा।
नगर निगम रेजिडेंशियल कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थलों पर हरियाली बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।
बारिश ने खोली पेड़ों की जड़ सेहत की पोल
हालिया बारिश के दौरान पेड़ गिरने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसने प्रशासन का ध्यान पुराने और कमजोर पेड़ों की सेहत पर केंद्रित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि निर्माण कार्यों के दौरान पेड़ों की जड़ों को नुकसान पहुंचता है, जिससे वे गिरने लगते हैं। इस कारण पेड़ मूल्यांकन अभियान भी शुरू किया गया है, जिसमें खराब हालत वाले पेड़ों की पहचान कर उन्हें हटाया जाएगा।
सप्ताहों पहले शुरू हुई थी योजना
वन विभाग के निदेशक सौरभ कुमार के अनुसार, अप्रैल से ही शहरभर में संभावित पौधारोपण स्थलों का निरीक्षण शुरू कर दिया गया था। इन स्थानों पर जल उपलब्धता, सूर्यप्रकाश और मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार पौधों का चयन किया गया।
नीम, पीपल से लेकर एलोवेरा तक होंगे शामिल
अभियान में नीम, पीपल, बरगद, जामुन, अमरूद, गुलमोहर जैसे छायादार वृक्षों के साथ-साथ तुलसी, गिलोय, एलोवेरा जैसे औषधीय पौधे भी लगाए जाएंगे। झाड़ियों और सजावटी पौधों को भी खाली जगहों पर लगाया जाएगा।
स्कूल-कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में भी होंगे पौधारोपण
शहर के 17 विभाग, स्कूल-कॉलेज, हॉस्पिटल्स और अन्य सरकारी संस्थान इस अभियान में भाग ले रहे हैं। खाली स्थानों को चिन्हित कर वहां विशेष अभियान चलाया जाएगा। छात्रों और स्थानीय निवासियों को भी इस कार्य में सहभागी बनाया गया है।
विशेष निरीक्षण से हटाए जाएंगे कमजोर पेड़
जिन पेड़ों में सड़न, फंगस या खोखलापन पाया गया है, उन्हें वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर हटाया जाएगा और उनकी जगह नए पौधे रोपे जाएंगे। विभाग का लक्ष्य शहर की हरियाली को स्थायी और सुरक्षित बनाना है।
चंडीगढ़ पहले से ही देश के सबसे हरे-भरे शहरों में शामिल है। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को स्वच्छ हवा और हरियाली का उपहार भी है।
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