संसद के शीतकालीन सत्र का आज पांचवा दिन, बीते दिन विपक्ष ने पॉल्यूशन पर किया था प्रदर्शन
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 5 दिसंबर, 2025 : संसद के शीतकालीन सत्र का आज (शुक्रवार) पांचवां दिन है। बीते दिन यानी गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद के मकर द्वार पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला था। दिल्ली (Delhi) में जानलेवा होते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने 'गैस मास्क' पहनकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। सांसदों ने सरकार को घेरते हुए मांग की थी कि इस गंभीर मुद्दे पर सदन में चर्चा कराई जाए, क्योंकि यह आम जनता की सेहत से जुड़ा मामला है।
राहुल गांधी ने पुतिन दौरे पर उठाए सवाल
सत्र के दौरान कूटनीतिक मुद्दों पर भी सियासत गरमाई हुई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष बाहर से आने वाले विदेशी मेहमानों से मिले।
राज्यसभा से पास हुआ एक्साइज बिल
विधायी कार्यों की बात करें, तो बीते दिन राज्यसभा (Rajya Sabha) ने 'सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल, 2025' (Central Excise Amendment Bill, 2025) को मंजूरी दे दी है। यह बिल बुधवार को ही लोकसभा से पास हो चुका था। इस कानून के लागू होने से अब सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और जर्दा जैसे तंबाकू उत्पादों पर ज्यादा एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) लगेगी, जिससे ये उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
10 नए बिलों पर रहेगी नजर
इस शीतकालीन सत्र में सरकार 10 नए विधेयक पेश करने की तैयारी में है, जो कई सेक्टरों में बड़े बदलाव लाएंगे।
1. परमाणु ऊर्जा: सबसे अहम 'एटॉमिक एनर्जी बिल' (Atomic Energy Bill) है, जिसके तहत पहली बार निजी कंपनियों (देसी और विदेशी) को न्यूक्लियर पावर प्लांट (Nuclear Power Plant) लगाने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। अभी तक यह अधिकार सिर्फ सरकारी कंपनियों जैसे एनपीसीआईएल (NPCIL) के पास था।
2. शिक्षा सुधार: 'हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया' (HECI) बिल के जरिए यूजीसी, एआईसीटीई और एनसीटीई को खत्म करके एक ही राष्ट्रीय कमीशन बनाने की योजना है, ताकि उच्च शिक्षा व्यवस्था को सुगम बनाया जा सके।
3. अन्य विधेयक: इसके अलावा, नेशनल हाईवे (National Highway) भूमि अधिग्रहण को तेज करने, कॉर्पोरेट लॉ में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने और विवादों के जल्द निपटारे के लिए आर्बिट्रेशन बिल जैसे महत्वपूर्ण कानून भी कतार में हैं। संविधान में 131वां संशोधन करके चंडीगढ़ (Chandigarh) को आर्टिकल 240 के दायरे में लाने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा।
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