जब उम्र 100 को पार कर जाए, लेकिन दिल में वही जोश और साहस हो – जानिए Lt. Gen Surindra Nath Sharma की कहानी
क्या आपने कभी किसी ऐसे शख्स के बारे में सुना है जो 102 साल की उम्र में भी पूरी तरह से फिट हो, खुद गाड़ी चलाता हो, पैराशूट से छलांग लगा चुका हो, और जिसकी पूरी ज़िंदगी देशसेवा और अनुशासन का उदाहरण रही हो? अगर नहीं, तो मिलिए लेफ्टिनेंट जनरल सुरिंद्र नाथ शर्मा से — एक ऐसा नाम जो भारतीय सेना के स्वर्णिम इतिहास में अमर है। 1944 में आर्मी में कमीशन पाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ना केवल एक अनुभवी सैनिक हैं, बल्कि उनके परिवार की कई पीढ़ियां भी भारत की रक्षा में समर्पित रही हैं।
सैन्य परंपरा वाला गौरवशाली परिवार
1. पिता: मेजर जनरल अमर नाथ शर्मा, आर्मी मेडिकल कॉर्प्स के प्रमुख
2. बड़े भाई: मेजर सोमनाथ शर्मा, भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता
3. छोटे भाई: जनरल विश्वनाथ शर्मा, भारत के सेनाध्यक्ष (1988–1990)
4. सास: वही महिला जिन्होंने परमवीर चक्र मेडल डिज़ाइन किया
यह परिवार सिर्फ सेवा नहीं करता, बल्कि इतिहास रचता है।
86 की उम्र में पैराशूट से जंप!
लेफ्टिनेंट जनरल एस.एन. शर्मा पैरा-ट्रूपर भी हैं। उन्होंने 86 साल की उम्र तक पैराशूट से छलांग लगाई। जहां लोग उस उम्र में चलने में हिचकिचाते हैं, वहीं उन्होंने आसमान से छलांग लगाकर जता दिया कि जज़्बे के आगे उम्र कुछ नहीं होती।
आज भी खुद चलाते हैं गाड़ी, 10 घंटे का सफर बिना रुके
102 साल की उम्र में भी वे अपनी कार खुद ड्राइव करते हैं — और वो भी हिमाचल प्रदेश स्थित अपने फार्महाउस तक, जो दिल्ली से लगभग 10 घंटे दूर है। कोई ड्राइवर नहीं, कोई सहायक नहीं — सिर्फ अनुशासन और फिटनेस।
लंबी उम्र और फिटनेस का राज़? सुनिए खुद उनसे
जब उनसे पूछा गया कि इतने सालों तक खुद को फिट और खुशहाल कैसे रखा, तो उनका जवाब था: “मैं सब कुछ खाता हूं, बस टेंशन और स्ट्रेस नहीं।” ये लाइन उनकी ज़िंदगी की फिलॉसफी को बखूबी बयां करती है।
उनका सैन्य सफर
1. कमीशन: 1944 (ब्रिटिश भारत की आर्मी में)
2. रिटायरमेंट: 1981, लेफ्टिनेंट जनरल के पद से
3. अनुभव: द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर आज के बदलते भारत तक
4. विशेषता: सेना में परिवर्तन और प्रोफेशनलिज्म लाने में अग्रणी भूमिका
नवजवानों के लिए सीख
लेफ्टिनेंट जनरल एस.एन. शर्मा सिर्फ एक रिटायर्ड ऑफिसर नहीं, बल्कि युवाओं के लिए जीती-जागती प्रेरणा हैं। वे सिखाते हैं कि:
1. अनुशासन ज़िंदगी को दिशा देता है
2. उम्र कोई सीमा नहीं होती
3. राष्ट्रसेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं
निष्कर्ष: एक प्रेरक जीवनी, जो हर भारतीय को जाननी चाहिए
इस उम्र में जब लोग आराम चाहते हैं, जनरल शर्मा देश को अब भी जीते-जागते आदर्श से प्रेरणा दे रहे हैं। उनका जीवन, उनके विचार, और उनका जोश हमें ये सिखाता है कि अगर मन मजबूत हो, तो शरीर साथ देता ही है।
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