Donald Trump भारत पर एक और 'Tariff' लगाने को तैयार! पढ़ें पूरी ख़बर
Babushahi Bureau
वॉशिंगटन/नई दिल्ली, 9 दिसंबर, 2025 : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। व्हाइट हाउस में सोमवार को हुई एक अहम बैठक में ट्रंप ने साफ संकेत दिए हैं कि वह भारत से अमेरिका आने वाले चावल (Rice) पर सख्त कार्रवाई करने जा रहे हैं, जिसके चलते tarrif लगाया जा सकता है। ट्रंप ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत को अपना सस्ता चावल अमेरिकी बाजार में खपाने (डंप करने) की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "ऐसा न हो, हम इसका ध्यान रखेंगे।" ट्रंप के इस बयान का असर तुरंत देखने को मिला और मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में चावल कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूट गए।
क्यों भड़के डोनाल्ड ट्रंप?
ट्रंप का गुस्सा तब फूटा जब उन्होंने किसानों और कृषि प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस दौरान केनेडी राइस मिल की मालकिन मेरिल केनेडी ने शिकायत की कि भारत, चीन और थाईलैंड अपना सस्ता चावल अमेरिका और प्यूर्टो रिको में भेज रहे हैं। इस वजह से अमेरिका के स्थानीय किसानों (Local Farmers) को भारी नुकसान हो रहा है और उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। मेरिल ने बताया कि यह समस्या कई सालों से है, लेकिन अब यह बहुत बड़े पैमाने पर हो रही है।
"क्या भारत को छूट मिली है?"
शिकायत सुनने के बाद ट्रंप ने तुरंत अपने वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से सवाल किया, "मुझे भारत के बारे में बताइए, उन्हें अपना चावल यहां खपाने की छूट क्यों मिल रही है? क्या उन्हें टैक्स (Tax) से आजादी मिली हुई है?" जब मंत्री ने बताया कि कोई छूट नहीं है लेकिन व्यापार समझौते (Trade Deal) पर बात चल रही है, तो ट्रंप ने साफ कहा कि इन देशों पर एक्स्ट्रा टैरिफ (Extra Tariff) लगाकर ही यह समस्या सुलझेगी।
भारतीय कंपनियों को भारी नुकसान
ट्रंप के इस बयान से भारत की बड़ी चावल कंपनियों को झटका लगा है। मंगलवार सुबह केआरबीएल (इंडिया गेट) और एलटी फूड्स (दावत) जैसी कंपनियों के शेयर 6% तक गिर गए।लटी फूड्स (LT Foods) के लिए यह ज्यादा चिंता की बात है क्योंकि उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा अमेरिका से ही आता है।
10 दिसंबर की बैठक पर नजर
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि 10-11 दिसंबर को भारत दौरे पर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन इस बैठक से पहले भारत पर दबाव बनाना चाहता है ताकि वे अपनी शर्तों पर व्यापार कर सकें। ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जरिए भी वे टैरिफ लगाने का अधिकार हासिल करेंगे।
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