Goa Fire Tragedy : 'मुझे कुछ नहीं पता...' Goa Police के हत्थे चढ़ते ही अजय गुप्ता ने झाड़ा पल्ला
Babushahi Bureau
नई दिल्ली/पणजी, 10 दिसंबर, 2025: गोवा के Birch by Romeo Lane नाइट क्लब अग्निकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। 25 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने क्लब के सह-मालिक (Co-owner) अजय गुप्ता को नई दिल्ली से गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है। हिरासत में आते ही गुप्ता ने एक चौंकाने वाला बयान देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। पुलिस के सामने उसने कहा, "मैं तो बस एक साझेदार (पार्टनर) हूं। मुझे कुछ नहीं पता।" गुप्ता ने हादसे और लापरवाही का सारा दोष मुख्य मालिकों—सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा—पर डाल दिया है, जो घटना के बाद से फरार हैं।
थाईलैंड भाग गए लूथरा ब्रदर्स, इंटरपोल की ली जाएगी मदद
पुलिस जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी लूथरा बंधु (Luthra Brothers) अग्निकांड के कुछ ही घंटों के भीतर भारत छोड़कर थाईलैंड भाग निकले थे। गोवा पुलिस ने अब इन भगोड़ों को वापस लाने के लिए कमर कस ली है। पुलिस ने इंटरपोल से संपर्क साधा है और दोनों भाइयों के खिलाफ 'ब्लू कॉर्नर नोटिस' (Blue Corner Notice) जारी करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि उनकी लोकेशन ट्रेस कर उन्हें भारत डिपोर्ट किया जा सके।
सिलेंडर नहीं, पटाखों से लगी थी आग
शुरुआती जांच में पुलिस ने आशंका जताई थी कि आग सिलेंडर ब्लास्ट (Cylinder Blast) से लगी थी, लेकिन अब तस्वीर साफ हो गई है। चश्मदीदोंके बयानों और फॉरेंसिक जांच से पुष्टि हुई है कि आग लगने की असली वजह इलेक्ट्रिक पटाखे थे। यह हादसा देर रात करीब 11:45 बजे हुआ था। मरने वालों में 20 स्टाफ मेंबर्स और 5 पर्यटक शामिल थे, जो सबसे आखिर में निकलने की कोशिश कर रहे थे।
अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई?
इस मामले में पुलिस और प्रशासन सख्त मूड में है:
1. गिरफ्तारियां: अजय गुप्ता से पहले पुलिस ने क्लब के महाप्रबंधक (GM), बार मैनेजर, गेट मैनेजर और एक अन्य कर्मचारी भरत कोहली को गिरफ्तार किया था। आयोजकों पर भी एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है।
2. अधिकारी सस्पेंड: लापरवाही बरतने के आरोप में गोवा सरकार ने पंचायत निदेशक (जिन्होंने 2023 में क्लब शुरू कराने में मदद की थी) समेत तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित (Suspended) कर दिया है।
3. जांच पैनल: मामले की गहराई से जांच के लिए कलेक्टर, फायर सर्विस के डिप्टी डायरेक्टर और फॉरेंसिक लैब के डायरेक्टर का एक विशेष पैनल (Special Panel) बनाया गया है, जो एक हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
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