पुराने कानून के जरिए मोहाली में 5,100 एकड़ जमीन अधिग्रहण का रास्ता साफ : The Tribune Report
Babushahi Bureau
चंडीगढ़/मोहाली, 10 दिसंबर, 2025: पंजाब सरकार ने मोहाली और न्यू चंडीगढ़ के विस्तार के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए 5,100 एकड़ से अधिक जमीन के अधिग्रहण का रास्ता साफ कर दिया है। 'द ट्रिब्यून' (The Tribune) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने अपनी पुरानी 'लैंड पूलिंग पॉलिसी' को वापस लेने के महीनों बाद अब पुराने अधिग्रहण कानून (Old Acquisition Law) की ओर लौटने का निर्णय लिया है।
इसके तहत मोहाली में 9 नए सेक्टर्स और न्यू चंडीगढ़ में दो टाउनशिप (Townships) विकसित किए जाएंगे। सरकार ने इसके लिए भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन अधिनियम, 2013 की धारा 11 के तहत नोटिफिकेशन (Notification) भी जारी कर दिया है।
मोहाली में कहां-कहां होगा विकास?
रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना के तहत मोहाली में कुल 4,059 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें से 3,535 एकड़ जमीन का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (International Airport) के पास 'एयरोट्रोपोलिस विस्तार' (Aerotropolis Extension) के ब्लॉक E से J को विकसित करने के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा, 524 एकड़ जमीन का उपयोग नए सेक्टर 87 (कमर्शियल), सेक्टर 101 (आंशिक) और सेक्टर 103 (इंडस्ट्रियल) बनाने के लिए होगा। इसके लिए अनिवार्य सोशल इंपैक्ट असेसमेंट (Social Impact Assessment) पूरा कर लिया गया है और विशेषज्ञ समिति ने भी इसे मंजूरी दे दी है।
न्यू चंडीगढ़ के लिए जल्द जारी होंगे अवार्ड
मोहाली के साथ-साथ न्यू चंडीगढ़ (New Chandigarh) में भी विकास की रफ्तार तेज की जाएगी। यहां पहले से अधिग्रहण की प्रक्रिया में चल रही 1,048 एकड़ जमीन के लिए मुआवजे के अवार्ड (Compensation Awards) जल्द ही जारी किए जाएंगे। ट्रिब्यून की रिपोर्ट में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि राज्य सरकार ने न्यू चंडीगढ़ में 720 एकड़ जमीन के लिए मुआवजे को अंतिम रूप दे दिया है।
लैंड पूलिंग पॉलिसी क्यों हुई फेल?
गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने किसानों के लिए 'लैंड पूलिंग पॉलिसी' (Land Pooling Policy) लागू की थी, जिसके तहत जमीन के बदले नकद मुआवजे की जगह विकसित प्लॉट (Developed Plots) देने का प्रावधान था। हालांकि, किसानों ने इसका कड़ा विरोध किया और मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (High Court) तक पहुंच गया, जहां इस पर रोक लगा दी गई थी। भारी विरोध और राजनीतिक दबाव के चलते सरकार ने अगस्त में इस पॉलिसी को वापस ले लिया था।
अब सरकार ने वैधानिक मुआवजे (Statutory Compensation) और पारदर्शिता (Transparency) पर आधारित पुराने कानून के जरिए इस मेगा प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने का फैसला किया है, जो हाल के वर्षों में सबसे बड़ा भूमि अधिग्रहण अभियान है।
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