चंडीगढ़ की लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करने की मांग, गृह मंत्री अमित शाह को सौंपा ज्ञापन
चंडीगढ़ में निर्वाचित विधानसभा की स्थापना की जाए
स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया जाए या लोकतांत्रिक सरकार गठित की जाए
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 6 जुलाई 2025:
चंडीगढ़ की जनता की समस्याओं और लोकतांत्रिक अधिकारों की बहाली की मांग को लेकर कैलाश चंद जैन अध्यक्ष सामाजिक सशक्तिकरण संगठन, चंडीगढ़ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक विस्तृत ज्ञापन भेजा। संगठन के अध्यक्ष की ओर से भेजे गए इस ज्ञापन में शहर के नागरिकों की ओर से गंभीर मुद्दों को उठाया गया है और उनके स्थायी समाधान की मांग की गई है।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश होते हुए भी न तो निर्वाचित विधानसभा रखता है और न ही लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था। इससे अफसरशाही का वर्चस्व बढ़ गया है और आम जनता की समस्याएं लगातार उपेक्षित रह रही हैं।
ज्ञापन में उठाई गई प्रमुख समस्याएं:
जन प्रतिनिधित्व का अभाव: चंडीगढ़ में सिर्फ एक सांसद हैं जिनके पास कोई प्रशासनिक अधिकार नहीं है। नगर निगम के प्रतिनिधि भी सीमित अधिकारों तक सिमटे हैं।
अफसरशाही का वर्चस्व: सभी निर्णय अधिकारी लेते हैं, जिनकी जनता के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है।
कल्याणकारी योजनाओं से वंचित: पंजाब और हरियाणा की राजधानी होते हुए भी चंडीगढ़ के नागरिक इन राज्यों की योजनाओं से वंचित हैं।
रोजगार और डोमिसाइल की अस्पष्टता: स्थानीय युवाओं को न पंजाब और न हरियाणा में डोमिसाइल का लाभ मिलता है, जिससे नौकरियों में नुकसान उठाना पड़ता है।
सरकारी कर्मचारियों की स्थिति अस्थिर: न तो केंद्र और न ही राज्य कैडर में स्पष्ट स्थिति होने से कर्मचारियों की सेवा शर्तें प्रभावित होती हैं।
राजस्व का दुरुपयोग: चंडीगढ़ का राजस्व पड़ोसी राज्यों की मेंटेनेंस में खर्च होता है जबकि नागरिकों को कोई सीधा लाभ नहीं मिलता।
संगठन ने ज्ञापन में रखी ये मुख्य मांगें:
चंडीगढ़ में निर्वाचित विधानसभा की स्थापना की जाए।
स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया जाए या लोकतांत्रिक सरकार गठित की जाए।
पंजाब व हरियाणा की जनकल्याण योजनाओं का लाभ चंडीगढ़वासियों को मिले।
गृहमंत्री सलाहकार समिति का तत्काल गठन किया जाए।
गृह मंत्रालय में चंडीगढ़ डेस्क का गठन हो तथा एक ओएसडी की नियुक्ति की जाए जो गृहमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करे और नियमित जनता से संवाद करे।
कैलाश चंद जैन अध्यक्ष का मानना है कि इन मांगों को लागू करने से चंडीगढ़ की जनता को एक उत्तरदायी और लोकतांत्रिक शासन प्रणाली मिल सकेगी। अध्यक्ष ने भरोसा जताया कि गृह मंत्री इस ज्ञापन पर संवेदनशीलता से विचार करेंगे और चंडीगढ़ के नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
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