गरीब, SC, OBC व किसानों के बच्चों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है बीजेपी- हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 7 जुलाई । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी में हुई फीस बढ़ोतरी का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एकदम से एलएलबी समेत कई कोर्स की फीस डेढ़ गुना तक बढ़ा दी है। यानी अब गरीब, एससी, ओबीसी और किसान परिवारों के बच्चों का यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना मुश्किल हो जाएगा। इससे स्पष्ट है कि भाजपा तय नीति के तहत इन वर्गों को उच्च स्तरीय शिक्षा से वंचित रखना चाहती है। इसीलिए लगातार विश्वविद्यालयों की फीस में बढ़ोतरी की जा रही है।
बीए-एलएलबी की पिछले साल तक फीस 49800 थी, जिसे अब बढ़ाकर सीधे 75000 कर दिया गया। इसी तरह बीए फार्मेसी, फिजियोथैरेपी, बीटेक आदि सभी कोर्सेज की फीस बढ़ाई गई है। पिछले साल भी कई कोर्सिज की फीस में इसी तरह इजाफा किया गया था।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने बाकायदा लेटर जारी करके विश्वविद्यालयों को फंड देने से इनकार किया था। साथ ही सरकार ने कहा था कि विश्वविद्यालय अपने कोर्सेज को महंगा करके, अपना खर्चा खुद निकलें। उस वक्त विपक्ष के दबाव में सरकार ने लेटर तो वापस ले लिया। लेकिन लगता है कि नीति वापस नहीं ली और सरकार आज भी इसी दिशा में आगे बढ़ रही है। इसीलिए सरकारी विश्वविद्यालय में प्राइवेट संस्थानों की तरह महंगी फीस वसूली शुरू कर दी गई है।
हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने अपने पूरे कार्यकाल में के दौरान प्रदेश में एक भी बड़ी यूनिवर्सिटी नहीं बनाई। जबकि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान एक केंद्रीय विश्वविद्यालय (महेंद्रगढ़), 12 नई सरकारी विश्वविद्यालय, 154 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज, 56 नए आईटीआई, 4 नए सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गए थे। साथ ही राजीव गांधी एजुकेशन सोसाइटी सोनीपत में बनवाई, जिसमें कई विश्वस्तरीय यूनिवर्सिटी व शिक्षण संस्थान बने हैं।
लेकिन बीजेपी सरकार ने 11 साल में एक भी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बड़ा विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, आईटीआई या इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खोला। एक तरफ बीजेपी द्वारा लगातार सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है और दूसरी तरफ, विश्वविद्यालयों की फीस बढ़ाई जा रही है। स्पष्ट है कि भाजपा पूरे शिक्षा तंत्र को निजी हाथों में सौंपना चाहती है। ताकि एक बड़ा तबका शिक्षा से वंचित रह जाए।
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