सुबह-सुबह फ्रेश लगने की जगह फ्रस्ट्रेटेड क्यों होते हो? जवाब छिपा है इन 5 आदतों में!
महक अरोड़ा
25 जून 2025 : नींद से जागते ही हाथ मोबाइल की तरफ बढ़ता है? खाली पेट चाय की तलब लगती है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं — लेकिन ये आदतें धीरे-धीरे आपकी सेहत और मूड दोनों का कबाड़ा कर रही हैं। सुबह का पहला घंटा दिन की ‘डायरेक्शन’ तय करता है। यही वो वक्त होता है जब शरीर और दिमाग रीसेट मोड में होते हैं। लेकिन हम क्या करते हैं? नींद खुलते ही स्क्रीन में घुस जाते हैं, पेट में एसिड डालते हैं और खुद को स्ट्रेस में धकेल देते हैं — और फिर शिकायत करते हैं कि दिनभर थकान क्यों रहती है।
सुबह उठते ही इन 5 गल्तियों से करें तौबा:
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मोबाइल उठाकर स्क्रॉलिंग शुरू करना
अलार्म बंद करते ही इंस्टाग्राम या वॉट्सऐप पर जाना स्ट्रेस और एंग्जायटी का पहला कारण है। दिमाग को रुकने का टाइम नहीं मिलता।
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पानी ना पीकर चाय-कॉफी पीना
शरीर रातभर डिहाइड्रेट होता है। खाली पेट कैफीन लेना पेट की एसिडिटी और हार्मोनल इम्बैलेंस को बढ़ाता है।
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बिना स्ट्रेचिंग के बिस्तर से कूद जाना
रीढ़ की हड्डी और मसल्स नींद के बाद जाम होती हैं। स्ट्रेचिंग के बिना उठना पीठ दर्द और अकड़न का कारण बन सकता है।
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फौरन नहाने चले जाना
खासकर ठंड के मौसम में शरीर को थोड़ा एक्टिव होने का समय देना ज़रूरी है। वरना थकावट जल्दी महसूस होती है।
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सोचते ही चिंता में पड़ जाना
‘आज क्या करना है?’ सोचते-सोचते माइंड फ्रेश होने से पहले ही स्ट्रेस में चला जाता है। सुबह पहले दिमाग को शांत रखें।
हेल्थ एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि सुबह उठने के बाद कम से कम 15 मिनट खुद को मोबाइल, चाय और भागदौड़ से दूर रखें। हल्का गर्म पानी पिएं, स्ट्रेचिंग करें और थोड़ा खुले में सांस लें। तभी तो कहावत है — “जैसी सुबह, वैसा दिन!”
MA