PGI ने मनाया पहला 'सारथी दिवस', युवा स्वयंसेवकों को किया सम्मानित
राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया बोले - “सारथी आशा की किरण और राष्ट्रीय मॉडल”
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 5 मई 2025:
स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, चंडीगढ़ ने सोमवार को अपने पहले 'सारथी दिवस' का आयोजन किया, जिसमें स्वास्थ्य सेवा में युवा स्वयंसेवकों के योगदान का उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
राज्यपाल कटारिया ने ‘सारथी’ पहल को “एक परिवर्तनकारी मॉडल” करार देते हुए कहा कि यह योजना देशभर में स्वास्थ्य सेवा की तस्वीर बदलने की क्षमता रखती है। उन्होंने कहा, “सारथी के माध्यम से, पीजीआईएमईआर न केवल रोगियों की मदद कर रहा है, बल्कि एक ऐसी पीढ़ी गढ़ रहा है जो सेवा और सहानुभूति के मूल्यों को आत्मसात करती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सारथी केवल एक हेल्पडेस्क नहीं, बल्कि एक “करुणा का मानवीय सेतु” है, जो प्रतिदिन अस्पताल आने वाले हज़ारों लोगों को राहत, मार्गदर्शन और आत्मीयता प्रदान करता है।
कार्यक्रम में यह उल्लेख किया गया कि अब तक देश के 442 से अधिक अस्पताल सारथी मॉडल को अपना चुके हैं, जिससे यह पहल एक राष्ट्रीय आंदोलन का रूप ले रही है।
पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सारथी की शुरुआत छात्रों की एक साधारण पहल के रूप में हुई थी, जो आज करुणा और समर्पण की मिसाल बन चुकी है।
इस अवसर पर एनएसएस के उत्कृष्ट स्वयंसेवकों और भाग लेने वाले कॉलेजों को सम्मानित किया गया। पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज, सेक्टर-11 के 16 छात्र और एमसीएम डीएवी कॉलेज फॉर विमेन, सेक्टर-36 की 6 छात्राओं को विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, 13 कॉलेजों को संस्थागत भागीदारी के लिए सराहना पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में उप निदेशक प्रशासन पंकज राय, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल, विभिन्न कॉलेजों के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी, शिक्षक और छात्र भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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