चंडीगढ़ में पानी को लेकर पंजाब-हरियाणा का टकराव हाईकोर्ट पहुंचा,
बीबीएमबी और फतेहाबाद पंचायत की याचिका पर चीफ जस्टिस ने की सुनवाई, मंगलवार दोपहर 3 बजे अगली सुनवाई
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 05 मई। पंजाब और हरियाणा के बीच जल विवाद अब न्यायिक मोड़ पर आ गया है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) और हरियाणा के फतेहाबाद जिले की मताना पंचायत ने पानी को लेकर पंजाब सरकार के रवैये के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इन याचिकाओं में तत्काल सुनवाई की मांग पर सोमवार को ही चीफ जस्टिस की बेंच ने मामले की सुनवाई की और अगली सुनवाई मंगलवार दोपहर 3 बजे तय की है।
बीबीएमबी ने पंजाब पुलिस की तैनाती पर जताई आपत्ति
बीबीएमबी की ओर से दायर याचिका में पंजाब पुलिस द्वारा नंगल डैम परिसर में की गई सुरक्षा तैनाती को असंवैधानिक और अनधिकृत बताया गया है। बोर्ड का कहना है कि पंजाब पुलिस की मौजूदगी बोर्ड के स्वतंत्र संचालन में बाधा डाल रही है। बीबीएमबी के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश गर्ग ने कोर्ट में कहा:
"हमें पंजाब पुलिस की सुरक्षा नहीं चाहिए। यदि जरूरत होगी, तो हम केंद्र सरकार से मांग करेंगे। पंजाब सरकार से क्यों?"
बीबीएमबी का आरोप है कि पंजाब पुलिस ने नंगल डैम को चारों ओर से घेर रखा है, जिससे बांध से आगे पानी की सप्लाई बाधित हो रही है।
पंजाब सरकार की दलील - "सुरक्षा कदम एहतियातन"
पंजाब सरकार की ओर से जवाब में कहा गया कि भारत-पाक तनाव को देखते हुए एहतियातन पंजाब पुलिस को तैनात किया गया है। यह जानकारी बीबीएमबी को ईमेल के माध्यम से दी गई थी। हालांकि, अदालत में मौजूद हरियाणा के वकील रविंद्र ढुल ने इसे सिर्फ बहाना करार दिया और कहा कि यह कदम जानबूझकर हरियाणा के जलाधिकारों को बाधित करने के लिए उठाया गया है।
हरियाणा में पानी की किल्लत, कोर्ट में जताई चिंता
हरियाणा के एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि पंजाब के इस कदम से हरियाणा में गंभीर जल संकट उत्पन्न हो गया है। फसलों की सिंचाई, पीने के पानी की आपूर्ति और औद्योगिक उपयोग सभी प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कोर्ट से मांग की कि पंजाब सरकार को तुरंत पानी छोड़ने का निर्देश दिया जाए।
फतेहाबाद की पंचायत भी पहुंची कोर्ट
हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव मताना की पंचायत ने भी इस मुद्दे पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पंचायत ने मांग की है कि हरियाणा को उसका वैधानिक जल कोटा तत्काल दिया जाए। याचिका में कहा गया कि किसान पीने और सिंचाई के पानी को लेकर गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं।
हाईकोर्ट का रुख सख्त, सभी पक्षों को नोटिस
चीफ जस्टिस की बेंच ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार और बीबीएमबी को नोटिस जारी किए हैं और सभी पक्षों को मंगलवार दोपहर 3 बजे कोर्ट में उपस्थित होकर अपना विस्तृत पक्ष रखने को कहा है। कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि यदि आवश्यक हुआ तो वह केंद्र सरकार से रिपोर्ट भी मांग सकती है।
अगला कदम
मंगलवार की सुनवाई में पंजाब सरकार अपना विस्तृत हलफनामा (एफिडेविट) दाखिल करेगी। वहीं बीबीएमबी और हरियाणा सरकार भी अपनी दलीलें पेश करेंगे। कोर्ट से उम्मीद की जा रही है कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर त्वरित और संतुलित फैसला देगी जिससे दोनों राज्यों के बीच विवाद का समाधान हो सके।
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