हरियाणा मंत्रिमंडल ने भूमि बाजार दर निर्धारण नीति में किया संशोधन
चार गुना मुआवजे की व्यवस्था लागू, प्रक्रियाएं होंगी और सरल
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 5 मई 2025 — हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस प्रस्ताव के तहत भूमि की बाजार दर निर्धारित करने संबंधी नीति में संशोधन किया गया है, जो राज्य के सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों पर लागू होगी।
2013 के केंद्रीय कानून के अनुरूप मुआवजा
संशोधित नीति के तहत अब 25 नवंबर 2021 की नीति के खंड 5(iii)(C) में "दोगुना" शब्द को बदलकर "चार गुना" कर दिया गया है। इससे राज्य सरकार की संस्थाओं द्वारा दी जाने वाली मुआवजा राशि अब भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के अनुरूप होगी।
कलेक्टर दर होगी बेंचमार्क
किसी भी निजी संस्था द्वारा क्रय की गई भूमि को अंतिम उपयोग में लाने से पहले, उससे कलेक्टर दर के चार गुना के बराबर शुल्क वसूला जाएगा। यह दर अंतिम उपयोग की परवाह किए बिना लागू होगी, और आवश्यक अनुमतियों की प्रक्रिया यथावत रहेगी।
प्रक्रिया में और पारदर्शिता व सहजता
नीति में एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव के तहत, "उच्च स्तरीय भूमि क्रय समिति के अनुमोदन से विभाग" शब्दों को अब "मुख्यमंत्री के अनुमोदन से सरकार या स्थानीय प्राधिकरण (जो भी भूमि स्वामित्व एजेंसी है)" से प्रतिस्थापित किया गया है। इससे प्रक्रिया में तेजी और पारदर्शिता आएगी।
निजी संस्थाओं के लिए नया प्रावधान
अब नीति में यह भी जोड़ा गया है कि संबंधित निजी संस्था को देय राशि के 25% के साथ संबंधित विभाग प्रमुख को नीति के प्रति अपनी सहमति दर्शाते हुए आवेदन देना होगा।
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