सुखदेव एन्क्लेव योजना, पखवाड़े में छठी, एलआईटी से एमसीएल को हस्तांतरित: सांसद अरोड़ा
एलआईटी द्वारा 20 करोड़ रुपये के विकास कार्य किए जाने की घोषणा की
लुधियाना, 5 मई, 2025, 2025: स्थानीय निकाय विभाग, पंजाब ने शहर के लोगों को एक और बड़ी राहत प्रदान करते हुए छठी बड़ी योजना, जिसका नाम है 'सुखदेव एन्क्लेव योजना', को लुधियाना सुधार ट्रस्ट (एलआईटी) के अधिकार क्षेत्र से नगर निगम, लुधियाना (एमसीएल) को आधिकारिक रूप से हस्तांतरित कर दिया है।
इस आशय की घोषणा राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने आज शाम अपने कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। इस अवसर पर एलआईटी के चेयरमैन तरसेम सिंह भिंडर भी मौजूद थे।
इस बारे में विस्तार से बताते हुए अरोड़ा ने कहा कि इस निर्णय से 30 साल से अधिक पुरानी मांग स्वीकार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि 'सुखदेव एन्क्लेव योजना' के अंतर्गत करीब 450 घर आते हैं।
उन्होंने कहा कि इससे पहले पिछले महीने पांच योजनाओं को एलआईटी के अधिकार क्षेत्र से एमसीएल को हस्तांतरित किया गया था, जिससे एक लाख से अधिक निवासियों को राहत मिली थी। पांच योजनाएं इस प्रकार थीं: शहीद भगत सिंह नगर - 475 एकड़; महर्षि बाल्मीकि नगर - 256 एकड़; राजगुरु नगर - 129 एकड़; भारत नगर एक्सटेंशन - 30 एकड़; और संत ईशर सिंह नगर - 8.4 एकड़।
अरोड़ा ने कहा कि इस हस्तांतरण के लाभों में एमसीएल की एक छत के नीचे सेवाओं का एकीकरण शामिल है। अब, सभी छह कॉलोनियों के निवासियों को सेवाओं का लाभ उठाने के लिए दो अलग-अलग कार्यालयों - एलआईटी और एमसीएल - में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। पहले, जल आपूर्ति, सीवरेज, गृह कर और संपत्ति कर से संबंधित सेवाओं को नगर निगम द्वारा संभाला जाता था, जबकि एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) और एनडीसी (अदेय प्रमाण पत्र) सेवाएं एलआईटी द्वारा प्रदान की जाती थीं।
अरोड़ा ने कहा कि अब निवासी नागरिक मुद्दों के निवारण के लिए सीधे अपने संबंधित क्षेत्र के पार्षदों से संपर्क कर सकेंगे। नगर निगम अब इन इलाकों में सफाई, सड़क रखरखाव, स्ट्रीट लाइटिंग, जलापूर्ति और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी आवश्यक नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होगा। हालांकि, इन योजनाओं में एलआईटी द्वारा चल रहे विकास कार्य पूरा होने तक जारी रहेंगे।
इसके अलावा, अरोड़ा ने कहा कि पार्क, सीवरेज और टाइलों सहित लगभग 20 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई है और अब ये विकास कार्य एलआईटी द्वारा किए जाएंगे। इन कार्यों में संत ईशर सिंह नगर में लगभग 86 लाख रुपये, राजगुरु नगर में 8 करोड़ रुपये और एसबीएस नगर में 8.50 करोड़ रुपये के विकास कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर काम शुरू होने की संभावना है। इसके अलावा, मॉडल टाउन एक्सटेंशन (ए-ब्लॉक) और कबीर सोसायटी में एक-एक सामुदायिक केंद्र भी बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन दोनों सामुदायिक केंद्रों के लिए मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।
अरोड़ा ने एलआईटी के तहत आने वाले इलाकों में समग्र विकास के लिए कुशलतापूर्वक काम करने के लिए एलआईटी के चेयरमैन तरसेम सिंह भिंडर की सराहना की। उन्होंने कहा कि हाल ही में एलआईटी को अतिरिक्त कर्मचारी भी मिले हैं।
मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए एलआईटी चेयरमैन तरसेम सिंह भिंडर ने बताया कि सांसद अरोड़ा के प्रयासों से ही एलआईटी से एमसीएल को छह योजनाएं हस्तांतरित की गई हैं, अन्यथा यह प्रक्रिया पिछले कई दशकों से अधर में लटकी हुई थी। भिंडर ने बताया कि एलआईटी के पास 33 योजनाएं थीं, जिनमें से अधिकांश योजनाएं एमसीएल को हस्तांतरित की जा चुकी हैं। कुछ योजनाएं एमसीएल को हस्तांतरित की जानी बाकी हैं।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि शहर में सभी विकास कार्यों को करते समय गुणवत्ता का ध्यान रखा जाता है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता की जांच के लिए तीसरे पक्ष से निरीक्षण भी कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे सांसद अरोड़ा के निर्देशों का पालन कर रहे हैं कि गुणवत्ता के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा रहा है।
kk
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