हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी, 700 से अधिक गांवों में बंद होंगे शराब के ठेके
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 5 मई 2025 — हरियाणा सरकार ने सोमवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में राज्य की नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी। इस नीति के तहत राज्य में शराब की बिक्री और दुकानों के संचालन को लेकर कई अहम बदलाव किए गए हैं, जिनका सीधा प्रभाव आम जनता, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास के क्षेत्रों में देखा जाएगा।
शराब की दुकानों की संख्या यथावत, जोनिंग में कोई बदलाव नहीं
नई नीति के अनुसार राज्य में शराब की दुकानों की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पूर्व की भांति 2400 दुकानें ही आवंटित की जाएंगी, जो 1200 जोनों में विभाजित होंगी। यह स्पष्ट संकेत है कि राज्य सरकार राजस्व बनाए रखते हुए नियमन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है।
दूरी बढ़ाई गई: अब स्कूल-कॉलेजों और धार्मिक स्थलों से 150 मीटर दूर होंगी दुकानें
शराब की दुकानों को अब बस स्टैंड, स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थानों आदि से कम से कम 150 मीटर की दूरी पर स्थापित किया जाएगा, जबकि पहले यह दूरी केवल 75 मीटर थी। इस निर्णय को सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
हाईवे पर प्रतिबंध: कोई दुकान दिखनी नहीं चाहिए
नई नीति में एक कड़ा प्रावधान यह भी जोड़ा गया है कि नेशनल और स्टेट हाईवे से शराब की कोई भी दुकान प्रत्यक्ष रूप से नजर नहीं आनी चाहिए। साथ ही इन सड़कों से सटी दुकानों पर कोई विज्ञापन या साइनबोर्ड लगाने की अनुमति नहीं होगी।
विज्ञापन उल्लंघन पर भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द
अगर किसी जोन में इस नियम का उल्लंघन करते हुए विज्ञापन या साइनबोर्ड पाया जाता है तो:
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पहली बार – ₹1 लाख जुर्माना
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दूसरी बार – ₹2 लाख जुर्माना
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तीसरी बार – ₹3 लाख जुर्माना और लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
500 से कम आबादी वाले गांवों में नहीं खुलेगा ठेका
इस नीति के सबसे प्रभावशाली निर्णयों में यह भी शामिल है कि 500 से कम आबादी वाले किसी भी गांव में अब शराब का ठेका नहीं खोला जाएगा। इससे अनुमानतः 700 से अधिक गांवों में 152 ठेके बंद हो जाएंगे, जो ग्रामीणों के स्वास्थ्य और सामाजिक परिवेश के लिए एक सकारात्मक पहल है।
'अहाते' के लिए तय हुए नए शुल्क और क्षेत्र
शराब की दुकानों से जुड़ा 'अहाता' खोलने के लिए भी नई व्यवस्था की गई है। अब:
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गुरुग्राम में अहाता खोलने के लिए लाइसेंस फीस का 4% देना होगा।
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फरीदाबाद, सोनीपत और पंचकूला में 3% शुल्क देना होगा।
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अन्य जिलों में केवल 1% शुल्क तय किया गया है। इसके अतिरिक्त, पहले जहां अहाते के लिए क्षेत्रफल की कोई सीमा नहीं थी, वहीं अब 1000 स्क्वेयर मीटर का न्यूनतम क्षेत्रफल अनिवार्य कर दिया गया है।
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