अचानक खड़े होने पर आते है चक्कर? कमजोरी नहीं बल्कि इस बीमारी के हो सकते है आप शिकार
Babushahi Bureau
नई दिल्ली: क्या आपको भी बैठे या लेटे रहने के बाद अचानक खड़े होने पर चक्कर आते हैं या आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है? अगर हां, तो इसे महज कमजोरी या खून की कमी समझकर नजरअंदाज न करें। यह 'ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन' (Orthostatic Hypotension) नामक बीमारी का संकेत हो सकता है।
दरअसल, जब हम अपनी पोजीशन बदलते हैं, तो हमारे शरीर का ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) अचानक गिर जाता है, जिससे दिमाग तक पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता और व्यक्ति को चक्कर आने लगते हैं। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह गंभीर समस्या बन सकती है।
शरीर के अंदर आखिर होता क्या है?
इस प्रक्रिया को समझना बेहद आसान है। जब हम लेटे या बैठे होते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण (Gravity) के कारण हमारा खून पैरों और पेट के निचले हिस्से में जमा रहता है। जैसे ही हम खड़े होते हैं, शरीर को तुरंत खून को ऊपर यानी दिमाग की ओर पंप करना होता है।
इसके लिए हमारी नसें सिकुड़ती हैं और दिल की धड़कन थोड़ी तेज हो जाती है। लेकिन, ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन के मरीजों में यह सिस्टम ठीक से काम नहीं कर पाता, जिससे ब्लड प्रेशर गिर जाता है और सिर घूमने लगता है।
किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा? (Risk Factors)
हालांकि यह समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन कुछ विशेष लोगों को इसका खतरा (Risk) अधिक होता है:
1. 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग (Elderly People).
2. शुगर (Diabetes) के मरीज.
3. पार्किंसन (Parkinson’s) जैसी नसों की बीमारी से जूझ रहे लोग.
4. लंबे समय तक बिस्तर पर रहने वाले मरीज.
5. डिप्रेशन या हाई बीपी की दवाइयां लेने वाले लोग.
6. शरीर में पानी की कमी (Dehydration) होने पर।
लक्षणों को पहचानें (Symptoms)
इस बीमारी का सबसे मुख्य लक्षण है- अचानक खड़े होने पर सिर चकराना। इसके अलावा आंखों के आगे अंधेरा छाना, धुंधला दिखाई देना, कमजोरी महसूस होना, कानों में सीटी बजना और कई बार बेहोशी (Fainting) तक आ जाना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके (Prevention Tips)
इस समस्या से बचने के लिए अपनी लाइफस्टाइल (Lifestyle) में कुछ छोटे बदलाव करना जरूरी है:
1. धीरे-धीरे उठें: कभी भी झटके से बिस्तर या कुर्सी से न उठें। पहले कुछ देर बैठें, पैरों को हिलाएं और 30 सेकंड बाद खड़े हों।
2. पानी पिएं: शरीर को हाइड्रेटेड रखें और दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
3. नमक का सेवन: अगर आपको हाई बीपी नहीं है, तो डॉक्टर की सलाह पर खाने में नमक की मात्रा थोड़ी बढ़ा सकते हैं।
4. कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स: पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करने के लिए टाइट मोजे (Compression Stockings) पहनें।
5. सोने का तरीका: रात को सोते समय सिर वाला हिस्सा थोड़ा ऊंचा रखें।
डॉक्टर को कब दिखाएं?
अगर चक्कर बार-बार आ रहे हों, या चक्कर आने से गिरने की नौबत आ जाए, तो इसे बिल्कुल भी हल्का न लें। यह दिल (Heart) या नसों की किसी गंभीर गड़बड़ी का इशारा भी हो सकता है। ऐसे में तुरंत किसी विशेषज्ञ (Specialist) से सलाह लें।
(Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. इसे केवल सुझाव के तौर पर लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.)
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