Himachal CAG Report : हिमाचल में राजस्व विभाग को 5.37 करोड़ का नुकसान, कैग की रिपोर्ट में संपत्ति मूल्यांकन में चूक का खुलासा
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 11 दिसंबर 2025 :
हिमाचल प्रदेश के राजस्व विभाग के उप-पंजीयक कार्यालयों में संपत्ति के मूल्यांकन में बड़ी चूक के कारण राज्य के खजाने को 5.37 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ है। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट, जो मार्च 2022 को समाप्त अवधि से संबंधित है उसमें इस वित्तीय अनियमितता का खुलासा किया है। भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 (2013 में संशोधित) के अनुच्छेद 23 के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में स्टांप शुल्क संपत्ति के बाजार मूल्य या विचार राशि, जो भी अधिक हो, पर पुरुषों के लिए छह फीसदी और महिलाओं के लिए चार फीसदी की दर से लगाया जाता है।
इसके अतिरिक्त, राजस्व विभाग की 2012 की अधिसूचना इसी आधार पर दो फीसदी पंजीकरण शुल्क अनिवार्य करती है। जनवरी 2016 में जारी एक अन्य अधिसूचना में भूमि को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में, सडक़ों से उनकी दूरी के आधार पर, पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया था। इस वर्गीकरण के लिए खरीददारों से हलफनामा मांगा जाता है, और झूठे हलफनामे प्रस्तुत करने पर लागू एसडी/आरएफ का 50 प्रतिशत तक जुर्माना लग सकता है।
कैग ऑडिट में दो प्रमुख मामले सामने आए। पहले मामले में, 27 उप-पंजीयक कार्यालयों के 2017-2021 के रिकॉर्ड की जांच की गई, जहां 151 विक्रय विलेख 38.60 करोड़ पर पंजीकृत हुए। (SBP)
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