HPSC भंग कर भर्ती परीक्षाओं में धांधली की सीबीआई जांच हो – दीपेन्द्र हुड्डा
HPSC चेयरमैन किसी हरियाणवी को लगाया जाए – दीपेन्द्र हुड्डा
• भर्ती परीक्षाओं में सवाल कॉपी पेस्ट करके भ्रष्टाचार का नायाब खेल चल रहा – दीपेन्द्र हुड्डा
• सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोग, HPSC, बड़े कोचिंग संस्थानों के गठजोड़ का भांडा फूट चुका, हरियाणा की जनता का विश्वास HPSC से पूरी तरह उठ चुका – दीपेन्द्र हुड्डा
• HPSC चेयरमैन से लेकर तमाम भर्तियों व बड़े पदों पर अन्य राज्यों के लोगों को लोगों को मिल रही तरजीह – दीपेन्द्र हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 7 जुलाई। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने HPSC भंग करने के साथ ही HPSC द्वारा भर्ती परीक्षाओं में की गई धांधली की सीबीआई जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में सवाल कॉपी पेस्ट करके भ्रष्टाचार का नायाब खेल चल रहा है। इसके जरिए मनमाने ढंग से पसंदीदा अभ्यर्थियों को चयन सूची में जगह दी जा रही है। जबकि योग्य हरियाणवी युवाओं का हक मारा जा रहा है। पेपर लीक, कैश फॉर जॉब, घपले-घोटाले ही पिछले एक दशक से HPSC का ट्रैक रिकार्ड रहा है। HPSC परचून की दुकान बन गई है यहाँ हर पदों के अलग अलग रेट हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने आगे कहा कि हरियाणा के बाहर के राज्यों में तमाम सरकारें नौकरियों में स्थानीय निवासियों को तरजीह देती हैं, लेकिन हरियाणवी विरोधी बीजेपी सरकार दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरी देने के साथ ही अब डेप्यूटेशन पर भी हरियाणा के बाहर से लोगों को बुला रही है। चेयरमैन से लेकर तमाम बड़े पदों समेत नायब तहसीलदार तक के पद के लिए सरकार को हरियाणा में कोई योग्य व्यक्ति नहीं मिल रहा है। नायब तहसीलदार के डेप्यूटेशन का मामला इकलौता नहीं है, डीसी कार्यालयों में सुशासन सहयोगी लगाने से लेकर एचपीएससी के चेयरमैन तक की नियुक्ति अन्य राज्यों से बुलाकर की गई। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि HPSC चेयरमैन किसी हरियाणवी को लगाया जाए।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्ष में अन्य राज्य के लोगों को क्लास 1, 2 की 75% सरकारी नौकरियां दी गई। हरियाणा में यहाँ के स्थानीय युवाओं के खिलाफ नीतियां बनाई गई। भर्ती पेपरों से हरियाणा का GK हटा दिया गया और डोमिसाइल से 15 साल की शर्त हटा दी गई। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि कुछ दिन पहले ही सिंचाई विभाग में हुई अस्सिटेंट इंजीनियर्स की भर्ती में भी यही खेल हुआ। इस भर्ती में सामान्य वर्ग के 42 पदों पर अन्य राज्यों के 28 लोगों को नियुक्ति दे दी गई। सिविल जज भर्ती में 110 में से 60 पदों पर बाहरी उम्मीदवारों को भर्ती किया गया। तकनीकी शिक्षा विभाग में प्राध्यापकों के सामान्य वर्ग के 153 में से 106 पदों पर बाहरी लोगों का चयन हुआ। प्रदेश में 10 साल से लटकी पड़ी आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर भर्ती में सामान्य वर्ग के 427 में 75% उम्मीदवार हरियाणा के बाहर के चुने गए थे। फरवरी 2021 में SDO इलेक्ट्रिकल भर्ती में 90 पदों में 77 बाहरी थे। लेक्चरर ग्रुप-B (टेक्निकल एजुकेशन) की भर्ती में सामान्य श्रेणी के 157 में से 103 अभ्यार्थी हरियाणा से बाहर के चुने गए। 2019 में असिस्टेंट प्रोफेसर पॉलिटिकल साईंस की भर्ती में 18 में से 11 उम्मीदवार बाहरी थे।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि HPSC द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के अलग-अलग विषयों इतिहास, हिंदी, जूलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स जैसी भर्तियों में बेहद गंभीर गड़बड़ियां सामने आई हैं। अभ्यर्थियों ने HPSC को लिखित शिकायत देकर परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोग, HPSC, बड़े कोचिंग संस्थानों के गठजोड़ का भांडा फूट चुका है। हरियाणा की जनता का विश्वास HPSC से पूरी तरह उठ गया है। पेपर लीक, सवाल कॉपी-पेस्ट और लगातार हो रहे भर्ती घोटाले से जूझ रहे परीक्षार्थियों ने बताया कि इतिहास के प्रश्न पत्र में 24 सवाल छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्रों से कॉपी-पेस्ट किए गए हैं। इसके अलावा, कोचिंग सेंटरों की वेबसाइट पर मौजूद उत्तराखंड राज्य पात्रता परीक्षा के प्रश्न पत्र से भी कई सवाल कॉपी-पेस्ट किये गए थे। यही नहीं, प्रश्नों के गलत उत्तर, हिंदी व अंग्रेजी विकल्पों में भिन्नता और प्रिंटिंग की तमाम त्रुटियों, सील टूटे हुए प्रश्न पत्र बांटने, पेपर लीक होने की आशंका जताते हुए अभ्यर्थियों ने HPSC को शिकायत दर्ज करवाई है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि इन शिकायतों का समाधान करना और भर्तियों की पवित्रता बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है।
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