Explainer : 7 मई को पूरे देश में बजेगा 'जंग वाला सायरन' — क्या है मॉक ड्रिल, क्यों हो रही है और इससे पहले कब हुई थी?
महक अरोड़ा
चंडीगढ़, 6 मई 2025 : पिछले कुछ समय से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। ऐसे में भारत सरकार ने सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि 7 मई 2025 को देशभर में एक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाए। इसका मकसद है — युद्ध या एयर स्ट्राइक जैसी आपात स्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
क्या होती है मॉक ड्रिल और इसका मकसद क्या है?
मॉक ड्रिल यानी आपातकाल की पूर्व तैयारी का अभ्यास। इसमें लोगों को सिखाया जाता है कि अगर सच में कोई हमला हो जाए — जैसे एयर स्ट्राइक या बमबारी — तो उन्हें कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए। ये एक तरह से mental और physical rehearsal होती है ताकि किसी भी हालात में लोग घबराएं नहीं।
ड्रिल के दौरान क्या-क्या किया जाएगा?
1. सायरन का बजना:
युद्ध की चेतावनी देने वाले सायरन पूरे देश के प्रमुख स्थानों पर बजाए जाएंगे। जैसे:
- पुलिस मुख्यालय
- फायर स्टेशन
- सैन्य ठिकाने
- प्रशासनिक भवन
- भीड़भाड़ और संवेदनशील इलाके
2. सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग:
नागरिकों और स्कूल-कॉलेजों के छात्रों को बताया जाएगा कि:
- आपात स्थिति में क्या करें
- कैसे खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें
- कैसे अफवाहों से बचें और सरकारी निर्देशों का पालन करें
3. ब्लैकआउट का अभ्यास:
रात में सभी लाइट्स बंद करने की प्रक्रिया यानी इमरजेंसी ब्लैकआउट का भी अभ्यास होगा, ताकि दुश्मन को कोई विजुअल टारगेट न मिल सके।
4. महत्वपूर्ण ठिकानों को छिपाने की तैयारी
जैसे कि पावर प्लांट, डिफेंस इंस्टॉलेशन आदि को तेज़ी से छिपाने या कवर करने की रिहर्सल की जाएगी।
‘जंग वाला सायरन’ क्या होता है और इसकी खासियत क्या है?
- 120-140 डेसिबल की तेज़ आवाज होती है जो 2-5 किलोमीटर तक सुनाई दे सकती है।
- आवाज में साइक्लिक कंपन होता है — कभी तेज़, कभी धीमा — जिससे यह आम हॉर्न से अलग लगता है।
- इसका मकसद है खतरे की चेतावनी देना और लोगों को सतर्क करना।
सायरन सुनते ही क्या करना चाहिए? (Action Steps during Drill)
1. तुरंत सुरक्षित जगह पर जाएं:
खुले में न रहें, घर या नज़दीकी पक्की इमारत में शरण लें।
2. शांत रहें और पैनिक न करें:
डरने की बजाय निर्देशों का पालन करें।
3. टीवी, रेडियो और सरकारी अलर्ट्स पर ध्यान दें।
आधिकारिक जानकारी पर ही भरोसा करें।
4. अफवाहों से बचें।
सोशल मीडिया या व्हाट्सऐप फॉरवर्ड पर यकीन न करें।
5. 5–10 मिनट के अंदर सुरक्षित स्थान तक पहुंचने का अभ्यास करें।
यही इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है।
नतीजा — क्यों जरूरी है ये ड्रिल?
- आम जनता को सुरक्षा के सही तरीकों की जानकारी देना।
- असली संकट में कैसे शांत और तैयार रहना है, इसकी प्रैक्टिस कराना।
- प्रशासन और नागरिकों के बीच तालमेल बनाना।
- देश को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रखना।
कब हुई थी देश में मॉक ड्रिल
देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी। तब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। यह मॉक ड्रिल युद्ध के दौरान हुई थी।
MA
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