दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत, IMF की रिपोर्ट में हुआ बड़ा दावा, जापान को छोड़ेगा पीछे
महक अरोड़ा
चंडीगढ़, 6 मई 2025 : दुनिया में कई बदलाव होते हैं, लेकिन कुछ बदलाव ऐसे होते हैं जो देश के अस्तित्व और भविष्य को नया आकार देते हैं। आज भारत उस बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जिसे देखकर न केवल हम गर्व महसूस करते हैं, बल्कि दुनिया भी हैरान है। भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है, और इस परिवर्तन के पीछे है भारत की मेहनत, नीतिगत निर्णय, और आत्मविश्वास।
IMF की रिपोर्ट: यह मील का पत्थर क्यों है?
हाल ही में, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि भारत अब जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहाई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत की नॉमिनल GDP इस वित्तीय वर्ष में 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि जापान की GDP 4.186 ट्रिलियन डॉलर पर स्थिर रह जाएगी। यह महज 0.001 ट्रिलियन डॉलर का अंतर ही भारत की सफलता की चाबी बन गया है। और यहीं से यह सवाल उठता है कि यह परिवर्तन कैसे हुआ?
भारत की यात्रा: एक नए आत्मविश्वास का निर्माण
1991 में जब भारत ने उदारीकरण की शुरुआत की थी, तो शायद कोई भी कल्पना नहीं कर सकता था कि यह देश कभी दुनिया के प्रमुख आर्थिक शक्तियों में शुमार होगा। लेकिन वह पहला कदम था, और तब से अब तक भारत ने न केवल अपने आर्थिक मॉडल को बदलने की दिशा में कदम बढ़ाए, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ी।
1. मजबूत और दूरदर्शी नेतृत्व – 2014 के बाद, भारत ने एक मजबूत नेतृत्व के तहत आर्थिक नीतियों को तेज़ी से लागू किया। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियान इसके उदाहरण हैं, जिन्होंने भारत को एक नया दिशा दिया।
2. आत्मनिर्भरता की दिशा में बदलाव – ‘मेक इन इंडिया’ और ‘PLI स्कीम’ जैसी योजनाओं ने भारत को विदेशी उत्पादों पर निर्भरता कम करने में मदद की, और आज भारत खुद एक मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है। यही नहीं, MSMEs और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी पुनर्जीवित किया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति बढ़ी।
जापान से आगे बढ़ने का संदेश
भारत का जापान को पछाड़ना सिर्फ एक अंक नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे एक युवा और तेज़ी से बढ़ता हुआ देश अपने शैक्षिक, राजनीतिक और आर्थिक संसाधनों का सही इस्तेमाल कर सकता है। जापान में वृद्धावस्था और धीमा उपभोक्ता खर्च उसकी बड़ी समस्या बन चुकी है, जबकि भारत में युवा जनसंख्या और तेजी से बढ़ता उपभोक्ता बाजार है।
भारत ने जहां जहां नए उद्योगों को बढ़ावा दिया, जापान उस दिशा में पिछड़ गया है। भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को विविधीकरण, डिजिटलization और मैन्युफैक्चरिंग में परिवर्तन लाकर एक नया मोड़ दिया।
भारत का अगला लक्ष्य – जर्मनी को पछाड़ना
भारत अब अपने अगले लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है – जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना। IMF के अनुमानों के अनुसार, 2028 तक भारत की GDP 5.58 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जबकि जर्मनी की GDP 5.25 ट्रिलियन डॉलर पर रहेगी। यह न केवल आर्थिक उन्नति का सूचक है, बल्कि भारत की वैश्विक कूटनीतिक शक्ति को भी दर्शाता है। जब भारत एक प्रमुख आर्थिक शक्ति बनेगा, तो इसका असर पूरी दुनिया की राजनीति और कूटनीति पर पड़ेगा।
भारत की डिजिटल क्रांति और तकनीकी छलांग
आज भारत सिर्फ तकनीक का उपभोक्ता नहीं है, बल्कि निर्माता और निर्यातक बन चुका है। UPI, डिजिटल बैंकिंग और ONDC जैसी पहल ने भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है। भारत अब ना केवल अपनी जरूरतों के लिए तकनीक का उपयोग कर रहा है, बल्कि यह तकनीक को दुनिया के अन्य देशों में निर्यात भी कर रहा है।
निवेश के लिए आकर्षक देश: भारत का नया रूप
भारत अब एक भरोसेमंद निवेशक देश के रूप में उभर रहा है। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में वृद्धि को देखा जा सकता है, और वैश्विक कंपनियों के लिए भारत एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है। ‘चाइना+1’ की रणनीति में भारत सबसे ऊपर है, क्योंकि अब पश्चिमी कंपनियां चीन की जगह भारत को एक बेहतर विकल्प मान रही हैं।
भारत का विश्व नेतृत्व की ओर कदम
IMF की रिपोर्ट सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संदेश देती है कि अब भारत वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार है। भारत ने साबित कर दिया है कि विकास की गति, आत्मनिर्भरता और तकनीकी ताकत से देश अपनी पहचान बना सकता है। अब भारत सिर्फ ‘उभरते’ देशों में नहीं आता, बल्कि यह वैश्विक दक्षिण (Global South) का एक प्रमुख नेतृत्वकर्ता बनता जा रहा है।
IMF की रिपोर्ट से जो तथ्य सामने आए हैं, वे सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि भारत के स्वाभिमान की प्रतीक हैं। यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भारत ने जिस आत्मविश्वास और दृढ़ता से अपने कदम बढ़ाए हैं, उसी का परिणाम है कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
MA
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